चीन अब भारत के बैंकिंग सिस्टम में भी अपने पांव पसारेगा. सरकारी बैंक ऑफ चाइना को भारत में ब्रांच खोलने की मंजूरी मिल गई है. सरकारी सूत्रों का कहना है कि रिजर्व बैंक से लाइसेंस मिल गया है. चीनी मोबाइल फोन भारत के बाजारों में दबदबा बना चुके हैं. पेमेंट बैंक पेटीएम में चीनी कंपनी अलीबाबा की बड़ी हिस्सेदारी है और अब बैंकिंग सेक्टर में भी चीन का आना तय हो गया है.
भारत के बिजनेस में चीन की हिस्सेदारी बढ़ती जा रहा है. भारत का व्यापार भी चीन के पक्ष में एकतरफा झुका हुआ है.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से बैंक ऑफ चाइना को आरबीआई से लाइसेंस दिलाने का वादा किया था. पिछले महीने चीन के क्विंगदाओ में हुई शंघाई सहयोग संगठन की शिखर बैठक के दौरान यह वादा किया गया था.
27 देशों में है बैंक ऑफ चाइना की शाखाएं
बैंक ऑफ चाइना चीन के कुछ सरकारी बैंकों में से एक है. इसकी शाखाएं दुनिया के कई देशों में हैं. फिलहाल, बैंक ऑफ चाइना ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, आयरलैंड, फ्रांस, जर्मनी, इटली, मलेशिया, साउथ अफ्रीका और जापान समेत कुल 27 देशों में काम कर रहा है.
एशिया के कई देशों में मौजूदगी के बावजूद भारत में अब तक इसकी कोई ब्रांच नहीं थी. लेकिन अब आरबीआई के फैसले के बाद चीन का यह बैंक भारत में भी काम कर पाएगा.
आर्थिक संबंधों को बढ़ाने पर है दोनों देशों का जोर
भारत और चीन के बीच सीमा विवाद समेत कई मुद्दों पर मतभेद होने के बावजूद दोनों देश अपने आर्थिक संबंधों को विस्तार देने पर ध्यान दे रहे हैं.
पिछले साल डोकलाम में सेनाओं के बीच तनातनी के बाद दोनों देशों ने रिश्तों में सुधार के लिए विभिन्न स्तरों पर बातचीत को बढ़ाया है. इस बीच सूत्रों ने बताया कि चीन के रक्षा मंत्री वेई फेंघे जल्द ही भारत की यात्रा पर आने वाले हैं और दोनों पक्ष उनकी यात्रा के तारीख को अंतिम रूप देने में लगे हैं.
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