ईराक में अगवा किए गए भारतीयों को लेकर संसद में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के बयान के बाद मृतकों के परिवार में कोहराम मच गया है. इस खबर से पूरा देश सकते में हैं. 39 भारतीयों के मारे जाने की खबर पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से लेकर ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल ने भी दुख जताया है.
उधर, तीन साल से गायब परिजनों के मारे जाने की खबर सुनकर परिवार वालों का भी रो-रोकर बुरा हाल है.
‘विदेश मंत्री का बयान सुनकर हुई जानकारी’
ईराक में मारे गए 39 भारतीयों में शामिल पंजाब के मनजिंदर सिंह की बहन गुरपिंदर कौर सदमे में हैं. उन्होंने कहा, ‘चार साल से विदेश मंत्रालय कह रहा है कि वे जिंदा हैं, समझ नहीं आ रहा किस बात पर भरोसा करूं. मैं विदेश मंत्री के साथ बातचीत का इंतजार कर रही हूं. अभी तक हमें कोई जानकारी नहीं दी गई है. हमने भी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का संसद में दिया गया बयान ही सुना.’
‘दो बार हुआ डीएनए टेस्ट, लेकिन कुछ बताया नहीं’
‘हमें जानकारी दी गई थी कि मेरे भाई को आतंकियों ने अगवा कर लिया है. इसके बाद उनके बारे में कोई जानकारी नहीं मिली. दो बार मेरा डीएनए भी लिया गया. लेकिन कोई जानकारी नहीं दी गई.’
‘पति से 15 जून 2014 को हुई थी आखिरी बार बात’
जालंधर के रहने वाले दविंदर सिंह भी नौकरी की तलाश में ईराक गए थे. उनकी पत्नी मंजीत कौर कहती हैं, ‘मेरे पति 2011 में इराक गए थे और मैंने उनसे आखिरी बार 15 जून 2014 को बात की थी. उनके अगवा होने के बाद हमें हमेशा यही बताया गया कि वो जिंदा हैं. हमारी सरकार से कोई डिमांड नहीं है.’
‘2014 से लगा रहे थे सरकार से गुहार’
बिहार के सीवान के रहने वाले विद्या भूषण तिवारी भी उन 39 लोगों में शामिल थे, जिन्हें आईएस ने मौत के घाट उतार दिया. विद्याभूषण के चाचा पुरुषोत्तम तिवारी कहते हैं, ‘कुछ समझ नहीं आ रहा, क्या कहूं. हम 2014 से सरकार से गुहार लगा रहे थे कि कैसे भी उसे वापस ले आओ. लेकिन अब वह कह रहे हैं कि वो जिंदा नहीं है.’
बेसहारा का कौन बनेगा सहारा
जालंधर की रहने वाली मेनका कहती हैं, ‘मेरे पति सुरजीत साल 2013 में ईराक गए थे, 2014 में उन्हें अगवा कर लिया गया. हमारी सरकार से कोई मांग नहीं है. मेरा एक छोटा बच्चा है, मेरा कोई सहारा नहीं है.’
‘सरकार अब तक कहती रही कि सब ठीक है...अब...’
अमृतसर की रहने वाली हरजीत कौर के पति गुरचरण सिंह भी साल 2013 में इराक के शहर मोसुल गए थे. हरजीत कौर कहती हैं, ‘वह साल 2013-14 में मोसुल गए थे. वे (सरकार) अब तक कहते रहे कि सब ठीक है और अब यह कह रहे हैं.....कुछ समझ नहीं आ रहा क्या करूं.’
राहुल समेत इन नेताओं ने भी जताया दुख
राहुल गांधी ने ट्विटर पर लिखा, ‘मैं साल 2014 से इराक में बंधक बनाए गए 39 भारतीयों की मौत की खबर सुनकर हैरान हूं. मेरी संवेदनाएं उन परिवारों के साथ हैं, जो इस उम्मीद में जी रहे थे कि उनके अपने सही सलामत लौट आएंगे.’
ममता ने कहा, ‘बेहद दुखद समाचार से बहुत दुखी हूं’
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इराक में 39 भारतीयों के मारे जाने पर गहरा दुख व्यक्त किया. ममता ने एक ट्वीट कर कहा, ‘‘मोसुल से बेहद दुखद समाचार से बहुत ही दुखी हूं. 39 शोक संतप्त परिवार को सांत्वना देने के लिए शब्द पर्याप्त नहीं हैं.''
‘दुख की घड़ी में पीड़ित परिवारों के साथ खड़ा है देश’
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘इराक में बंधक बनाए गए 39 भारतीयों की मौत की खबर सुनकर बहुत दुख पहुंचा. पीड़ित परिवारों के साथ पूरा देश खड़ा है.’
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