लाल किला हिंसा मामले में गिरफ्तार पंजाबी एक्टर और एक्टिविस्ट दीप सिद्धू ने निष्पक्ष जांच की मांग के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. इसे लेकर दीप सिद्धू ने तीस हजारी कोर्ट में अर्जी दी है. सिद्धू का कहना है कि लाल किले पर हुई हिंसा को उसने भड़काया नहीं बल्कि उपद्रवियों को शांत करने के लिए पुलिस की मदद की.
दीप सिद्धू की याचिका पर शुक्रवार 26 फरवरी को फैसला सुनाया जाएगा.
दिल्ली पुलिस ने 9 फरवरी को लाल किला हिंसा और ट्रैक्टर रैली के मामले में दीप सिद्धू को गिरफ्तार किया था और उसे 7 दिनों तक हिरासत में रखा था. 16 फरवरी को कोर्ट ने दीप सिद्धू की पुलिस हिरासत 7 दिन के लिए और बढ़ा दी थी.
पुलिस हिरासत खत्म होने पर 23 फरवरी को दीप सिद्धू को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था
कोर्ट में सिद्धू की याचिका
IANS के अनुसार दीप सिद्धू ने अपने वकील अभिषेक गुप्ता के माध्यम से कोर्ट में अर्जी दी और मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है.
रिपोर्ट के अनुसार, दीप सिद्धू ने कोर्ट को बताया कि लाल किले पर हुई हिंसा के समय, वह दोपहर 12 बजे तक मुरथल की एक होटल में था और दोपहर 2 बजे लाल किले पर पहुंचा.
कोर्ट को दिए आवेदन में सिद्धू ने कहा कि लाल किले पर पहुंचने से पहले ही वहां पर काफी भीड़ थी. सिद्धू ने दावा किया है कि उसने पुलिस अधिकारियों से उस दिन की फोन लोकेशन और कार के नेवीगेशन का डाटा चेक करने को कहा, लेकिन जांच एजेंसियों ने इसे चेक नहीं किया.
इस आवेदन में सिद्धू ने यह भी कहा कि लाल किले की CCTV फुटेज की जांच पुलिस कर चुकी है जिसमें साफ देखा गया है कि वह हिंसा में शामिल नहीं था, बल्कि भीड़ को शांत करने के लिए उसने पुलिस की मदद की.
“आरोपी को संदेह है कि CCTV फुटेज और वीडियो पर विचार नहीं किया जाएगा.”कोर्ट को दिए आवेदन में सिद्धू
सिद्धू ने कहा कि, “इस मामले में मैं मीडिया ट्रायल का शिकार हुआ हूं और सभी को लगता है कि मैं मुख्य व्यक्ति हूं. हर बार जांच एजेंसी आती हैं और हिरासत में लेने की मांग करती है.”
लाल किला हिंसा मामले में सिद्धू पर अन्य व्यक्तियों के साथ दंगा, हत्या की कोशिश, आपराधिक साजिश रचने और डकैती का आरोप हैं.
कौन है दीप सिद्धू?
पंजाबी एक्टर दीप सिद्धू ऐसे पहले कलाकार थे जिन्होंने पिछले साल नवंबर में कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के आंदोलन का समर्थन किया था.
इससे पहले सिद्धू ने 26 जनवरी को लाल किले पर निशान साहिब झंडा फहराने की बात स्वीकार की थी. दिल्ली में हुई इस हिंसा को लेकर किसान संगठन के नेताओं ने सिद्धू पर ट्रैक्टर रैली के दौरान किसानों को हिंसा के लिए उकसाने का आरोप लगाया था.
किसान संगठन के कई नेताओं ने बीजेपी पर सिद्धू के जरिए किसान आंदोलन को गुमराह करने और प्रदर्शनकारियों को हिंसा के लिए भड़काने का आरोप लगाया था.
प्रदर्शन स्थल पर किसानों के प्रदर्शन के दौरान वायरल हुए वीडियो में सिद्धू किसानों के प्रदर्शन को लीड कर रहा था, इसके बाद से वह फरार हो गया था. हालांकि रिपोर्ट के अनुसार, सिद्धू ने पुलिस को बताया था कि हिंसा के बाद उसकी जान को खतरा था इसलिए वह छिप गया था.
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