महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह का गुरुवार को बिहार की राजधानी पटना में निधन हो गया है. वशिष्ठ नारायण 77 साल के थे और करीब 40 साल से सिजोफ्रेनिया नाम की मानसिक बीमारी से पीड़ित थे.
उनके एक करीबी ने बताया कि फिलहाल पटना में रहने वाले सिंह की आज सुबह तबीयत खराब हो गई थी, जिसके बाद परिजन उन्हें लेकर पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीएमसीएच) गए , जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
आइंस्टीन के सिद्धांत को दी थी चुनौती
गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह ने महान वैज्ञानिक आइंस्टीन के रिलेटिविटी के सिद्धांत को चुनौती दी थी. उनका एक मशहूर किस्सा है कि नासा में अपोलो की लांचिंग से पहले जब 31 कंप्यूटर कुछ समय के लिए बंद हो गए, तो नारायण ने उस बीच कैलकुलेशन किया और कंप्यूटर ठीक होने पर उनका और कंप्यूटर्स का कैलकुलेशन एक जैसा ही था.
उनके निधन की खबर से पूरा बिहार गम में है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने श्रद्धांजलि दी है. महान गणितज्ञ के निधन पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वह इस निधन से दुखी हैं. वह बेहद सम्मानित सज्जन थे.
पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने भी वशिष्ठ नारायण सिंह के निधन पर शोक जताया. मांझी ने कहा कि वशिष्ठ नारायण सिंह के निधन से समाज को अपूर्णीय क्षति पहुंची है.
1969 में कैलिफोर्निया से PHD
गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह ने 1969 में कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी से पीएचडी की डिग्री हासिल की. जिसके बाद वह वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी में एसोसिएट प्रोफेसर बन गए. वशिष्ठ नारायण ने नासा में भी काम किया, लेकिन वह 1971 में भारत लौट आए.
भारत लौटने के बाद वशिष्ठ नारायण ने आईआईटी कानपुर, आईआईटी बंबई और आईएसआई कोलकाता में नौकरी की. 1973 में उनकी शादी हो गई. शादी के कुछ समय बाद वह मानसिक बीमारी सिजोफ्रेनिया से पीड़ित हो गए. इस बीमारी से ग्रसित होने के बाद उनकी पत्नी ने उनसे तलाक ले लिया.
( इनपुट आईएएनएस)
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