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लोकसभा स्थगित, ये रहा शीत सत्र का ‘रिपोर्ट कार्ड'

संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में 13 बैठकों में 16 सरकारी विधेयक पेश किये गए और 12 विधेयक पारित हुए.

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संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में 13 बैठकें हुईं, जो कुल 61 घंटे और 48 मिनट चलीं. सेशन के दौरान निचले सदन में 16 सरकारी विधेयक पेश किए गए और 12 विधेयक पारित हुए.

लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने इसकी सदन में जानकारी दी और इसके बाद लोकसभा की बैठक अनिश्चितकाल के लिये स्थगित कर दी गई.

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कई अहम विधेयक हुए पारित

इस सत्र के दौरान अहम वित्तीय, विधायी और दूसरे काम निपटाए गए. साल 2017-18 के लिये सप्लीमेंट्री ग्रांट के दूसरे और तीसरे बैच के बारे में छह घंटे से ज्यादा चर्चा हुई और इसके बाद इन्हें मतदान के लिये रखा गया और संबंधित विधेयक पारित किये गए.

सत्र के दौरान पारित होने वाले महत्वपूर्ण विधेयकों में केंद्रीय सड़क निधि संशोधन विधेयक 2017, स्थावर संपत्ति अधिग्रहण और अर्जन संशोधन विधेयक 2017, दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्य क्षेत्र विधियां विशेष उपबंध दूसरा संशोधन विधेयक 2017, माल और सेवाकर राज्यों को प्रतिकर संशोधन विधेयक 2017, मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक 2017, हाई कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट के जजों का वेतन व सेवा शर्त संशोधन विधेयक 2017 शामिल हैं.

संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में 13 बैठकों में 16 सरकारी विधेयक पेश किये गए और 12 विधेयक पारित हुए.
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने शीतकालीन सत्र में हुए कामकाज की जानकारी दी. 
(फाइल फोटो: PTI)  
15 दिसंबर 2017 को शुरू हुए सोलहवीं लोकसभा के तेरहवें सत्र में बाधाओं और उसकी वजह से सदन स्थगित होने से 14 घंटे और 51 मिनट का समय बर्बाद हुआ और सभा ने 8 घंटे 10 मिनट देर तक बैठकर विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की. सत्र के दौरान 280 सवालों की लिस्ट तैयार की गई, जिनमें 45 सवालों के मौखिक जवाब दिये गए. इस दौरान औसतन हर दिन लगभग 3.46 सवालों के जवाब दिये गए. बाकी बचे सवाल, उनके जवाबों के साथ सभा में रखे गए. शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी आदि मौजूद थे.
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इन मुद्दों पर हुई चर्चा

लोकसभा अध्यक्ष ने बताया कि सदस्यों ने प्रश्नकाल के बाद और शाम को देर तक बैठकर लगभग 198 बेहद जरूरी लोक महत्व के मामले उठाए. सदस्यों ने नियम 377 के अधीन 226 मामले भी उठाए. स्थायी समितियों ने सभा में 53 रिपोर्ट पेश किये.

सभा में दक्षिण भारत में ओखी चक्रवात के संदर्भ में देश के कई भागों में प्राकृतिक आपदाओं के बारे में नियम 193 के अधीन एक अल्पकालिक चर्चा भी हुई. चर्चा गृहमंत्री राजनाथ सिंह के जवाब के साथ पूरी हुई.

अन्य कई अहम विषयों पर मंत्रियों ने 55 बयान दिये और संसदीय कार्य मंत्री ने सरकारी काम के बारे में 2 वक्तव्य दिये. सत्र के दौरान 2255 पत्र सदन में रखे गए. गैर सरकारी सदस्यों के कामों के अंतर्गत विभिन्न विषयों पर सदस्यों ने 98 निजी विधेयक पेश किये.

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लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदन की कार्यवाही सुचारु रूप से चलाने के लिये सभी मंत्रियों, विभिन्न दलों और समूहों के नेताओं और मुख्य सचेतकों तथा मीडिया को धन्यवाद दिया. इसके बाद सदन में वंदे मातरम की धुन बजायी गई और अध्यक्ष ने सदन की बैठक अनिश्चितकाल के लिये स्थगित करने की घोषणा की.

(इनपुट: भाषा)

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