सोशल मीडिया पर आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के मारे जाने की खबरें खूब दिख रही हैं, लेकिन रविवार को आई इस रिपोर्ट का खंडन भी सामने आ गया है. आइए जानते हैं कि यह रिपोर्ट कहां से आई और इस पर आया खंडन क्या है:
कहां से सामने आई यह रिपोर्ट?
अंग्रेजी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, मसूद अजहर की मौत की खबर रविवार को फैली. एक ब्लॉग पोस्ट में मसूद अजहर की मौत का दावा किया गया. इस पोस्ट में कहा गया- बालाकोट में भारतीय वायुसेना ने जब एयर स्ट्राइक की थी, तब मसूद अजहर भी वहां मौजूद था. वह इस स्ट्राइक में घायल हो गया और शनिवार को उसकी मौत हो गई.
...तो क्या वाकई मसूद अजहर मारा गया?
भले ही सोशल मीडिया पर मसूद अजहर के मारे जाने का दावा किया जा रहा हो, लेकिन पाकिस्तानी के जियो न्यूज उर्दू के मुताबिक, ऐसा नहीं है.
जियो न्यूज उर्दू ने अपनी खबर में कहा है कि मसूद अजहर अभी जिंदा है. यह खबर मसूद अजहर के परिवार के करीबी सूत्रों के हवाले से दी गई है.
इसके अलावा पाकिस्तान के संघीय सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने अजहर की मौत के दावों वाली रिपोर्ट के बारे में पूछे जाने पर कहा, ''मुझे इस समय कुछ भी मालूम नहीं है.''
पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने मसूद अजहर के बारे में कही ये बात
हाल ही में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने सीएनएन को दिए इंटरव्यू में कहा था कि मसूद अजहर पाकिस्तान में है और उसकी सेहत बहुत खराब है. कुरैशी ने कहा था, ''वह मेरी जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान में है. वह इतना बीमार है कि अपने घर से भी नहीं निकल सकता.''
भारत में कई आतंकी हमलों के पीछे मसूद अजहर का हाथ
मसूद अजहर को भारत ने फरवरी 1994 में दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग से गिरफ्तार किया गया था. उस समय वह पुर्तगाल के पासपोर्ट पर बांग्लादेश के रास्ते भारत में घुसा था और कश्मीर पहुंचा था. इंडियन एयरलाइंस के विमान आईसी-814 के अगवा किए गए यात्रियों को छुड़ाने के बदले में मसूद अजहर को 1999 में रिहा किया गया था.
रिहा होने के बाद उसने जैश-ए-मोहम्मद का गठन किया था. इस संगठन का भारत में कई आतंकी हमलों के पीछे हाथ रहा है. इन हमलों में संसद पर हमला, जम्मू-कश्मीर विधानसभा पर हमला, पठानकोट एयरबेस अटैक और पुलवामा हमला शामिल है.
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