देश की सुरक्षा एजेंसियों ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जान को खतरा बताया है.
एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, इस बार लालकिले के मंच को हमले की आशंका के चलते बुलेटप्रूफ शीशे से ढंके जाने की बात सामने आ रही है.
पिछली बार भी आतंकी हमले की ऐसी ही चेतावनी जारी की गई थी. लेकिन पीएम मोदी ने आखिरी पलों में बुलेटप्रूफ मंच से भाषण देने की योजना को नकार दिया था.
सुरक्षा एजेंसियों को उम्मीद है कि इस बार पीएम मोदी उनकी चेतावनी नजरंदाज नहीं करेंगे. केंद्रीय एजेंसियां, एसपीजी और एंटी टेरेरिस्ट यूनिट को पहले ही हमले की चेतावनी भेज चुकी है.
क्या कश्मीर ने बढ़ाई चिंता?
रिपोर्टों में दावा किया गया है कि हमले की आशंका केवल कश्मीर हिंसा और पाकिस्तान की ओर से घुसपैठ के कारण नहीं है. एजेंसियों को ऐसे संदेश मिले हैं, जिनमें आतंकी ड्रोन के जरिए भी हमला करने की कोशिश करने की बात कह रहे हैं.
अलकायदा और आईएस के अलावा लश्कर-ए-तैयबा, हरकत-उल-जिहादी इस्लामी और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठन भी हमले की कोशिश कर सकते हैं.
इंदिरा गांधी की हत्या के बाद से बुलेटप्रूफ मंच से भाषण देने का चलन था. लेकिन पीएम मोदी ने यह सिलसिला 2014 में तोड़ दिया था. 2015 में भी उन्होंने खुले मंच से भाषण दिया था.
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