रोहित वेमुला की मां राधिका वेमुला ने कहा है कि वो यूपी और पंजाब चुनाव में बीजेपी के विरोध में प्रचार करेंगी. वे लखनऊ में 'आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति' के एक कार्यक्रम में शिरकत कर रही थीं.
राधिका वेमुला ने मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा बनाए गए एक सदस्यीय न्यायिक आयोग की जांच रिपोर्ट को गलत करार दिया है. इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश एके रूपनवाल द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि रोहित की मां ने रिजर्वेशन का फायदा उठाने के लिए अपने आपको दलित दिखाने की कोशिश की.
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'मेरा बेटा दलित था'
राधिका ने कमीशन की रिपोर्ट को गलत बताते हुए कहा, ‘मैं दलित हूं और मेरा बेटा भी दलित था. ये रिपोर्ट केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, बंडारू दत्तात्रेय, बीजेपी के MLC रामचंद्र राव, यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर अप्पा राव और एबीवीपी के नेता सुशील कुमार को बचाने के लिए बनाई गई है.'
राधिका ने बीजेपी सरकार और आरएसएस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि रोहित और यूनिवर्सिटी के चार स्टूडेंट्स के खिलाफ साजिश की गई है. इसके खिलाफ वो खड़ी होगीं और यूपी और पंजाब में बीजेपी के खिलाफ प्रचार करेंगी.
जाति को लेकर विवाद
रोहित वेमुला की जाति को लेकर विवाद की शुरुआत इस साल जनवरी में ही शुरू हो गई थी, जब तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके यह दावा किया था कि रोहित दलित नहीं, ओबीसी था.
निजी कारणों से की थी आत्महत्या
दरअसल, एके रूपनवाल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि रोहित वेमुला को यूनिवर्सिटी हॉस्टल से निकाले जाने का फैसला सही था. साथ ही रोहित ने निजी कारणों से आत्महत्या की थी.
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