आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने कहा है कि एयर इंडिया को कोई भारतीय कंपनी ही चलाए. उन्होंने कहा कि एयर इंडिया की प्रासंगिकता इसकी संपत्ति से परे है. भागवत के मुताबिक भारत को अपना नजरिया किसी खास वाद तक सीमित करके नहीं रखना चाहिए. भारत को पूंजीवाद या समाजवाद जैसे वाद से बाहर निकलना होगा. किसी भी नीति की सफलता आंकड़ों में नहीं बल्कि इन आंकड़ों से होने वाले फायदे में है. मोहन भागवत ने मुंबई में भारतीय अर्थव्यवस्था और नीतियों पर एक सेमिनार में यह जाहिर की. उनके साथ नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने भी अपना नजरिया पेश किया.
‘अंतहीन मांग नहीं संयमित उपभोग की नीति पर चलें’
मोहन भागवत का कहना है कि इकनॉमी की बेहतरी के लिए किसी एक थ्योरी तक खुद को सीमित नहीं रखना चाहिए. किसी भी नीति की सफलता इस बात पर निर्भर है कि वह लोगों की किस तरह से मदद करता है. उन्होंने कहा कि दुनिया अभी अपने संसाधनों से दुनिया का ठीक से प्रबंधन नहीं कर सकी है. हमें अपने लोगों को के लिए आधुनिक आर्थिक नीतियों को लागू करना होगा. हमें अंतहीन मांग बढ़ाने से बचना होगा. इसके बजाय हमें संयम के साथ उपभोग की नीति पर चलना होगा. सवाल यह है कि एयर इंडिया ठीक से चल रही है या नहीं. सवाल यह है कि यह ठीक से चलाई जा रही है नहीं. उन्होंने कहा, एयर इंडिया की प्रासंगिकता इसकी संपत्ति के परे है.
मोहन भागवत ने कहा
ज्यादातर भारतीय कैशलेस सोसाइटी के लिए तैयार नहीं. हमें लेस कैश सोसाइटी बनानी होगी.
इसके पहले नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि हमें ऐसी आर्थिक नीतियां बनानी होंगी जो भारतीय ज़ड़ों के अनुकूल हों. हमारी अर्थव्यवस्था अब आगे बढ़ती जा रही है. हमें जो आर्थिक समस्याएं विरासत में मिली थीं उनका समाधान खोजने में साढ़े तीन साल लग गए.
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