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दलितों के घर खाने की ऐसी नौटंकी न करें,BJP नेताओं को संघ की फटकार

दलितों के मुद्दे पर घिरती बीजेपी खुद को दलितों की हितैषी बताने में जुटी है

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भारत
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दलितों के घर खाने के नाम पर बीजेपी नेता जो शो बाजी कर रहे हैं उस पर संघ ने कड़ा एतराज जताया है. क्विंट से बात करते हुए आरएसएस के प्रवक्ता मनमोहन वैद्य ने कहा कि बीजेपी को इस तरह के ड्रामेबाजी से बचना चाहिए.

सर संघचालक मोहन भागवत भी दिल्ली में हुई संघ की एक बैठक में कहा कि दलितों के घर खाना खाने के ड्रामे से काम नहीं चलेगा. दलितों को भी अपने घर बुलाना चाहिए.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बुधवार को दिल्ली में विश्व हिन्दू परिषद और आरएसएस के सीनियर नेताओं की एक बैठक हुई, जिसमें ये बातें कहीं गई.

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मोहन भागवत ने कहा,

हम अष्टमी के दिन दलित समाज की कन्याओं को तो अपने घर पर बुला कर पूजा कर लेते हैं, लेकिन क्या हम अपने घरों की कन्याओं को भी उनके घर पर भेजते हैं? संघ प्रमुख ने तब साफ कहा कि समरसता अभियान तभी सफल हो सकता है जब यह दोतरफा हो. यानी सिर्फ दलितों के घर जाकर खाने से काम नहीं चलेगा, उनका भी उसी तरह अपने घर पर स्वागत करना होगा.

दलितों का भी अपने घर स्वागत करना होगा

मनमोहन वैद्य ने क्विंट से बात करते हुए कहा कि वो दिल्ली में हुई मीटिंग में मौजूद नहीं थे, लेकिन संघ का कहना है की इस तरह से शो बाजी करके कोई फायदा नहीं होता.

बीजेपी क्या करती है ये उनकी पार्टी का विषय है. हमें ज्यादा से ज्यादा दलित समाज के लोगों से संपर्क बढ़ाना होगा. उत्तर भारत में पिछले कई सालों से संघ समरसता भोज कराता है, नवरात्र में देवपूजा के समय दलित कन्या को घर बुलाकर भोजन और पूजा कराया जाता है. इसमें प्रचार नहीं होना चाहिए. समरसता की भावना से दलितों में बदलाव दिखना चाहिए.
मनमोहन वैद्य, प्रवक्ता, RSS

पीएम मोदी का दलितों तक पहुंचने का प्लान

बता दें कि एससी/एसटी रिजर्वेशन में बदलाव और दलितों के मुद्दे पर घिरती बीजेपी खुद को दलितों की हितैषी बताने में जुटी है.

इसी को देखते हुए पीएम मोदी ने अभी हाल में ग्राम स्वराज अभियान के तहत अपने सांसदों और केंद्रीय मंत्रियों को ऐसे इलाकों में कम से कम एक रात रुकने के लिए कहा है, जहां लगभग 50 प्रतिशत आबादी दलित और पिछड़ों की हो. लेकिन दलित के घर खाना खाना बीजेपी के लिए विवाद का मुद्दा ही बनता जा रहा है.
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बीजेपी की हुई किरकिरी

अभी हाल ही में यूपी की योगी सरकार में मंत्री सुरेश राणा अलीगढ़ में एक दलित के घर खाना खाने पहुंच गए. सुरेश राणा दलित के घर तो पहुंचे, लेकिन खाना खाया हलवाई के हाथ का. यहां तक की जिस घर खाना खाने पहुंचे उसके मालिक को पता भी नहीं था कि मंत्री जी उसके घर आने वाले हैं. इस खबर के मीडियो में आने के बाद बीजेपी नेता उमा भारती ने भी नाराजगी जताई थी.

दलित के घर खाना सिर्फ स्टंट

दलितों के घर खाना खाना और मीडिया के सामने फोटो खिंचवाने वाले लोगों को उमा भारती ने लताड़ लगाई थी. उमा भारती ने कहा,

वो कोई भगवान राम नहीं हैं, जो दलित के घर जाने से उस परिवार को पवित्रता मिल जाएगी. ऐसी गफलत पालना भी किसी मंत्री, सांसद, विधायक के लिए गलत है.

अमित शाह से लेकर योगी तक पहुंच रहे दलितों के घर

छोटे नेता तो दूर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से लेकर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक दलित के घर भोजन कर रहे हैं. अभी हाल ही में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ भी प्रतापगढ़ के एक दलित परिवार के घर पहुंचे थे. तब मीडिया में ये खबरें आई थी कि योगी ने जिस दलित के घर खाना खाया था. वहां उनके लिए रोटी उनकी ही मंत्री स्वाति सिंह ने ही बनाई थी. बता दें कि स्वाति सिंह ठाकुर जाति से आती हैं.

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