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सबरीमाला विवाद:शाह के बयान पर भड़कीं मायावती,अबतक की 10 बड़ी बातें

केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं की एंट्री का मुद्दा थमने का नाम नहीं ले रहा है, इस विवाद की अबतक की 10 बड़ी बातें

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केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं की एंट्री का मुद्दा थमने का नाम नहीं ले रहा है. राजनीति चरम पर है, अब बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने अमित शाह के सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दिए गए बयान की कड़ी निंदा की है. बीजेपी अध्यक्ष शाह ने शनिवार को कहा था कि अदालत को ऐसे फैसले नहीं देने चाहिए, जिसका पालन नहीं हो सकता.

इस बयान पर मायावती ने कहा है कि सु्प्रीम कोर्ट को इस बयान का संज्ञान लेने की जरूरत है. उन्‍होंने कहा कि केंद्र में सत्ताधारी पार्टी के अध्यक्ष के ऐसे गैर-जिम्मेदाराना सार्वजनिक बयानों से ये साफ है कि देश का लोकतंत्र खतरे में है.

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देश संविधान से चलता है, ऐसे ही चलेगा: मायावती

मायावती ने कहा कि देश में कोर्ट और राजनीतिक पार्टियों के साथ-साथ देश की 125 करोड़ आबादी इस सिद्धान्त पर एकमत हैं कि देश संविधान से चलता है और इसी आधार पर आगे भी चलता रहेगा, लेकिन सत्ताधारी बीजेपी का मौजूदा नेतृत्व इस मामले में उत्तेजक भाषणबाजी करके राजनीतिक रोटी सेंकने का प्रयास कर रहा है, जो अति-गंभीर और अति-निन्दनीय है.

सबरीमाला विवाद की अब तक की 10 बड़ी बातें

  1. केरल बीजेपी ने ऐलान किया है कि वो सबरीमाला के श्रद्धालुओं को समर्थन करते हुए आंदोलन जारी रखेंगे.
  2. केरल बीजेपी अध्यक्ष का कहना है कि केरल सरकार में नास्तिक लोग बैठे हैं जो सबरीमाला को बर्बाद करना चाहते हैं.
  3. केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने शनिवार को सबरीमाला मंदिर के मसले पर अमित शाह के बयान को सुप्रीम कोर्ट और संविधान पर हमला बताया है.
  4. विजयन ने कहा, "इससे ये जाहिर होता कि शाह की सोच वैसी ही है जैसी संघ परिवार की है.
  5. 28 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में 10 से 50 साल तक की उम्र की महिलाओं के मंदिर में एंट्री करने पर लगे बैन को हटा दिया था.
  6. श्रद्धालुओं ने 16-22 अक्टूबर के दौरान सख्त विरोध करके करीब दर्जनभर महिलओं को मंदिर के गर्भ-गृह में जाने से रोक दिया, जबकि उनकी सुरक्षा के लिए वहां पुलिस ने पुख्ता इंतजाम किया गया था.
  7. मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में शामिल 3,345 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है जबकि राज्य भर में कई पुलिस थानों में 517 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं.
  8. अमित शाह ने 27 अक्टूबर को कहा कि सुप्रीम कोर्ट को लोगों के धार्मिक विश्वास पर आघात पहुंचाने और लागू नहीं हो सकने वाले फैसले नहीं देने चाहिए.
  9. शाह ने बीजेपी, आरएसएस और नायर सेवा समाज (एनएसएस) के कार्यकर्ताओं के साथ कथित अत्याचार के लिए मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) सरकार पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा कि जल्लीकट्टू, मस्जिदों में लाउडस्पीकरों के प्रयोग को बैन करना, गणेश चतुर्थी के दौरान महाराष्ट्र में दही हांडी समारोहों और दूसरे पर रोक लगाने जैसे कई फैसले धरातल पर लागू नहीं किए जा सकते.
  10. RSS प्रमुख मोहन भागवत ने भी सबरीमाला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति देने के सर्वोच्च न्यायालय के फैसले की गुरुवार को आलोचना की थी. भागवत ने कहा था कि फैसला दोषपूर्ण है क्योंकि इसमें सभी पहलुओं पर विचार नहीं किया गया और इसलिए इसे सहजता से स्वीकार नहीं किया जाएगा.

हाजी अली में महिलाओं की एंट्री पर झूमने वाले सबरीमाला पर हताश

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