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सचिन ने मांगी अग्रिम जमानत, वॉट्सऐप पर लिखा-दुनिया छोड़ने का वक्त

वझे के वकील ने कोर्ट में एंटीसिपेटरी बेल के लिए आवेदन किया था

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भारत
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मनसुख हीरेन मौत मामले में अब मुंबई पुलिस के असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर सचिन वझे ने ठाणे के सेशन कोर्ट में एंटिसिपेटरी बेल के लिए याचिका दी है. इस याचिका पर कोर्ट 19 मार्च को सुनवाई करने वाला है. वझे के वकील ने कोर्ट में एंटीसिपेटरी बेल के लिए आवेदन किया था. अगर कोर्ट वझे को अग्रिम जमानत दे देता है तो उन्हें गिरफ्तारी से राहत मिल जाएगी. साथ ही वझे ने व्हाट्सएप पर एक भावुक स्टेटस लगाया है.

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व्हाट्सएप स्टेटस में वझे ने लिखा है कि-

'3 मार्च 2004 को मेरे CID के सहयोगी अधिकारियों ने मुझे गलत केस में गिरफ्तार किया था. अब तक उस केस में जांच किसी अंजाम तक नहीं पहुंची है. अब लग रहा है कि इतिहास फिर से दोहराने वाला है. मेरे सहयोगी अधिकारी मुझे गिफ्तार करना चाहते हैं. लेकिन हालातों में थोड़ा बदलाव आ गया है. तब मेरे पास 17 साल की उम्मीदें, धैर्य, जींदगी और सेवा थी. लेकिन अब ना तो मेरे पास 17 साल की जिंदगी है, ना ही सर्विस है, ना ही जीने का धैर्य है. अब लग रहा है कि दुनिया को अलविदा कहने का वक्त करीब आ रहा है.'
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सचिन वझे कौन हैं?

अर्णब गोस्वामी से जुड़े अन्वय नाइक आत्महत्या मामला और TRP घोटाले की जांच वझे की देखरेख में हो रही है. अर्णब को तड़के सुबह घर से हिरासत में लेने वाले अधिकारी सचिन वझे ही हैं. अब तक साठ से ज्यादा एनकाउंटर कर चुके हैं, जिसमें अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और छोटा राजन गैंग के कई गुर्गों का नाम शामिल है.

सस्पेंशन और बहाली

2 दिसंबर 2002 में हुए घाटकोपर बॉम्ब ब्लास्ट मामले के संदिग्ध ख्वाजा यूनिस के मौत मामले में 14 लोगों पर केस दर्ज हुआ था. जिसमें सचिन वझे का नाम भी शामिल था. इसी मामले में सचिन वझे को निलंबित किया गया. इसके बाद वझे ने 2007 में पुलिस सर्विस से इस्तीफा दे दिया. 2008 की दशहरा रैली में वझे ने शिवसेना जॉइन कर ली. उद्धव ठाकरे की सरकार आने पर जून 2020 में वझे की पुलिस फोर्स में फिर से बहाली हुई. ठाकरे सरकार में मुंबई क्राइम ब्रांच यूनिट जॉइन करने वाले सचिन वझे ने आते ही हाई प्रोफाइल केसों से शुरुआत की. कार डिजाइनर दिलीप छाबड़िया को गिरफ्तार भी वझे की टीम ने किया है. अंबानी को मिली धमकी का मामला वझे को ही सौंपा गया था.

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