टैक्स बचाने के लिए दूसरे देशों में पैसा छिपाने के मामले की आंच अब IPL और बॉलीवुड तक पहुंच गई है. बॉलीवुड कपल सैफ अली खान-करीना कपूर और करिश्मा कपूर के साथ-साथ वीडियोकॉन के वेणुगोपाल धूत का नाम भी टैक्स बचाने के लिए विदेशों में पैसा छिपाने वालों की फेहरिस्त में शामिल हो गया है.
पनामा पेपर्स लीक मामले के नए खुलासे में गुरुवार को अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, आईपीएल पुणे फ्रेंचाइजी के लिए बोली लगाने के उद्देश्य से 10 सदस्यों ने पी-विजन स्पोर्ट्स कंपनी के निर्माण के लिए साझेदारी की थी. इसमें 15 फीसदी हिस्सेदारी के रूप में वर्जिन आइलैंड्स की कंपनी ओब्डूरेट लिमिटेड की पहचान की गई थी. रिपोर्ट के मुताबिक, फ्रेंचाइजी नहीं मिलने के बाद इस कंपनी को बंद कर दिया गया था.
पी-विजन स्पोर्ट्स में इनकी थी हिस्सेदारीः
- मार्च 2010 में आईपीएल की पुणे फ्रेंचाइजी हासिल करने के लिए 10 लोगों ने मिलकर एक ग्रुप बनाया.
- पी-विजन स्पोर्ट्स नाम से बनाए गए इस ग्रुप की 33 फीसदी हिस्सेदारी चोर्डिया परिवार के पास थी.
- इस ग्रुप में बॉलीवुड एक्टर सैफ अली खान, एक्ट्रेस करीना कपूर और करिश्मा कपूर के अलावा वीडियोकॉन के वेणुगोपाल धूत भी शामिल थे.
- ग्रुप में करीना और करिश्मा कपूर दोनों के पास 4.5 फीसदी (प्रत्येक) और सैफ अली खान के पास 9 फीसदी की हिस्सेदारी थी.
- इनके अलावा मुंबई निवासी मनोज एस. जैन की नौ फीसदी और वीडियोकॉन के वेणुगोपाल धूत की 25 फीसदी हिस्सेदारी थी.
- ओब्डूरेट के पास 15 फीसदी की हिस्सेदारी की पहचान की गई थी.
इस मामले को लेकर जब वीडियोकॉन के मालिक वेणुगोपाल धूत से जानकारी ली गई, तो उन्होंने कहा कि पी-विजन स्पोर्ट्स में उनकी सिर्फ 25 फीसदी की हिस्सेदारी थी. इसके अलावा उन्होंने कहा कि उन्हें ओब्डूरेट के बारे में कोई जानकारी नहीं है.
वहीं, अतुल चोर्डिया ने कहा है कि कंपनी की पूरी 100 फीसदी हिस्सेदारी उनके समूह की थी और विदेशी कंपनी की इसमें कोई भी हिस्सेदारी नहीं थी.
इनके अलावा करीना कपूर, सैफ अली खान और मनोज जैन की ओर से अभी कोई जवाब नहीं दिया गया है.
PM मोदी के आदेश पर गठित टीम कर रही है जांच
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर रघुराम राजन के नेतृत्व वाले भारतीय अधिकारियों ने कहा है कि विदेश में खोले गए भारतीयों की हर कंपनी अवैध नहीं है और इस पर जांच करने की प्राथमिक जिम्मेदारी एक जांच दल की होगी, जिसका गठन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदेश पर किया गया है.
लोकेश शर्मा ने दी सफाई
पनामा पेपर्स के ताजा खुलासे के मुताबिक, खेल प्रबंधन कंपनी ट्वेंटी फर्स्ट सेंचुरी मीडिया के प्रबंध निदेशक लोकेश शर्मा की ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड्स में दो कंपनियां पंजीकृत हैं. इसके अलावा एक तीसरी कंपनी भी है, जो खेल प्रबंधन कंपनी की सहायक कंपनी है.
रिपोर्ट के मुताबिक, शर्मा ने कहा कि ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड की कंपनी मार्गरीटा सर्विसेज का अधिग्रहण किया जाना था, लेकिन वह इस मामले में आगे नहीं बढ़े, न ही उन्हें उसका कोई शेयर मिला. एक अन्य कंपनी मार्डी ग्रास होल्डिंग्स के बारे में उन्होंने कहा कि वह संबंधित भारतीय कानून का पालन कर रहे हैं और उस कंपनी पर 31 मार्च 2016 तक कोई कर बकाया नहीं है. तीसरी कंपनी पिपरमिंट मैनेजमेंट के बारे में शर्मा ने कहा कि वह कानून का पालन कर रहे हैं और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को इसकी सूचना दी जा चुकी है.
क्या है पनामा पेपर्स खुलासा
- पनामा सेंट्रल मध्य अमेरिकी देश है, जिसे टैक्स हैवन कहा जाता है.
- पनामा की एक लॉ फर्म मोसेक फोंसेका का 40 साल का डेटा लीक हो गया है.
- दुनिया के तमाम बड़े लोग इसी फर्म के जरिए शेल कंपनियां बनाकर टैक्स चोरी करते थे.
- इंटरनेशनल कंन्सॉर्शियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स ने मोसेक फोंसेका फर्म से लीक हुए 11.5 मिलियन दस्तावेजों के आधार पर अपनी जांच रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी.
- मोसेक फोंसेका पनामा की एक फर्म है, जो शेल कॉरपोरेशन्स को शुरू करने में मदद करती है.
- इस फर्म के 11.5 मिलियन अहम दस्तावेज लीक हो गए.
- इन दस्तावेजों में दुनियाभर की बड़ी-बड़ी हस्तियों द्वारा की गई टैक्स चोरी का लेखा-जोखा है.
- अमीर कैसे अपना पैसा छुपाते हैं, ये इन दस्तावेजों से पता चलता है.
- 40 साल के रिकॉर्ड लीक हुए हैं.
- लीक हुई जानकारी में पासपोर्ट, बैंक अकाउंट, ईमेल, कॉरपोरेट रिकॉर्ड.
- 50 से ज्यादा देशों के 140 नेताओं का नाम इस लीक में.
- 21 टैक्स चोरी करने वाली कंपनियों से इनका नाता.
- कई राष्ट्राध्यक्ष, उनके सहयोगी, मंत्री और निर्वाचित अधिकारियों का नाम भी इस लीक में.
गुरुवार के हुए नए खुलासे में सामने आए नामों में दिल्ली के एक टायर डीलर, एक बुटीक मालिक, एक ऑस्ट्रेलियाई खनन अरबपति की बेटी, एक टेक्सटाइल एक्पोर्टर, एक इंजीनियरिंग कंपनी के मालिक, एक धातु कंपनी के निदेशक और एक चार्टर्ड एकाउंटेंट का नाम भी शामिल है.
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