आज से सैनिटरी नैपकिन पर से जीएसटी हट गया है. पहले इस पर 12 प्रतिशत जीएसटी था, लेकिन अब इसे खत्म कर दिया गया है. बावजूद इसके सैनिटरी नैपकिन की कीमतों में महज 1.5 से 2.5 प्रतिशत की ही कमी होने की उम्मीद है.
कीमतों में मामूली कमी
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने बने-बनाए सैनिटरी नैपकिन को जीएसटी के दायरे से बाहर तो कर दिया है. लेकिन इस पर इनपुट टैक्स क्रेडिट लागू है. आम लोगों खासकर महिलाओं के मन में उम्मीद जगी थी कि जीएसटी के दायरे से बाहर होने पर सैनिटरी नैपकिन की कीमतों में कमी आएगी. लेकिन मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि जीएसटी शून्य करने के बावजूद, सैनिटरी नैपकिन की कीमत में केवल मामूली गिरावट होगी.
ये भी पढे़ं- सैनिटरी पैड पर GST नहीं, जानिए और क्या-क्या हुआ सस्ता
इंडस्ट्री सूत्रों के मुताबिक, अब सैनिटरी नैपकिन की नई कीमतें करीब-करीब तय हो गई है. 12 प्रतिशत जीएसटी लागू होने के बाद जिस सैनिटरी नैपकिन की कीमत 112 रुपये हो गई थी. उसे अब 110.8 रुपये किया गया है.
सैनिटरी पैड बनाने वाले समान अब भी टैक्स के दायरे में
सैनिटरी नैपकिन बनाने के लिए गोंद, सुपर-एब्जॉर्बेंट पॉलिमर, पॉली-एथिलीन फिल्म और पैकिंग सामग्री, थर्मो-बॉन्ड नॉनवेवेन्स, रिलीज पेपर और लकड़ी लुगदी जैसे सामानों का इस्तेमाल किया जाता है.
भले ही इन सामानों से तैयार सैनिटरी नैपकिन पर जीएसटी शून्य कर दिया गया है. लेकिन नैपकिन बनाने के लिए इस्तेमाल में आने वाले सामानों पर अब भी 12 से 18 प्रतिशत पर टैक्स लगाए जाते हैं. ऐसे में इसकी कीमत में ज्यादा कमी आने की उम्मीद नहीं है.
बता दें कि महिलाओं और समाजसेवी संस्थाएं पिछले एक साल से सैनिटरी नैपकिन पर जीएसटी हटाने की मांग कर रही थी. सोशल मीडिया पर भी इसके लिए कैंपेन चलाए गए थे. पिछले दिनों जब इसे जीएसटी से हटाया गया तो लोगों ने इस पर खुशी भी जताई थी.
ये भी पढे़ं- ओडिशा में छात्राओं को फ्री सैनिटरी पैड,ये राज्य भी कर चुके हैं पहल
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)