ADVERTISEMENTREMOVE AD

सरदार सरोवर बांध प्रोजेक्ट: 1946 से 2017 तक का सफरनामा और खासियत

कई अड़चनों के चलते ये प्रोजेक्ट लटकती रही और आखिरकार 1979 में इसकी घोषणा हुई.

Published
भारत
2 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

सरदार सरोवर नर्मदा बांध प्रोजेक्ट आजादी के बाद से ही एक महत्‍वाकांक्षी योजना रही है. लेकिन तमाम कारणों और अड़चनों की वजह से ये अधर में लटकती रही. इस सबसे बड़े बांध के खिलाफ विरोध की भी लहर उठी. विरोध और अदालती रास्‍तों से गुजरते हुए प्रोजेक्ट को समय पर पूरा होने में काफी वक्त लगा.

रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया. इस प्रोजेक्ट से गुजरात, मध्यप्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र को फायदा मिलेगा.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
लौह पुरुष सरदार वल्‍लभभाई पटेल ने गुजरात में सिंचाई के संकट को देखते हुए नर्मदा पर बांध बनवाने की सोची थी. आजादी के पहले ही 1946 में उन्होंने अंतरिम सरकार में आने के बाद इस प्रोजेक्ट के लिए स्टडी करवाई.
0
  • 1959 में बांध के लिए आॅफिशियल प्रपोजल लाया गया.
  • पांच अप्रैल 1961 को तत्कालीन प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू ने इसकी आधारशिला रखी.
  • राज्यों के बीच विवाद होने पर गुजरात और मध्य प्रदेश के बीच नवंबर 1963 में समझौता हुआ. सितंबर 1964 में डा. ए एन खोसला ने अपनी रिपोर्ट सौंपी.
  • जुलाई 1968 में गुजरात ने अंतर राज्यीय जल विवाद कानून के तहत पंचाट गठित कराने की मांग की.
  • अक्टूबर 1969 में नर्मदा जल विवाद पंचाट बना.
  • 12 जुलाई 1974 को गुजरात, मप्र, महाराष्ट्र और गुजरात के बीच बांध को लेकर समझौता.
  • 12 सितंबर 1979 को पंचाट का अंतिम फैसला. अप्रैल 1987 को बांध बनाने का ठेका दिया गया.
ADVERTISEMENTREMOVE AD

बार-बार बदली बांध की उंचाई

  • 1995 में सुप्रीम कोर्ट ने बांध की ऊंचाई 80.3 मीटर से अधिक करने पर रोक लगाई. 1998-99 में बांध को 85 मीटर तक ऊंचा बनाने की परमिशन दी गयी.
  • सुप्रीम कोर्ट ने अक्टूबर 2000 में प्रोजेक्ट के तेजी से बनाने का आदेश दिया.
  • साल 2001 में बांध की ऊंचाई 90 मीटर कर दी गयी. जून 2004 तक बांध की उंचाई 110.4 मीटर की गयी.
  • 8 मार्च 2006 को नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण (एनसीए) ने बांध की उंचाई बढ़ाकर 121.92 मीटर करने की परमिशन दी.
  • मार्च 2008 में बांध से निकलने वाली मुख्य नहर राजस्थान तक पहुंची.
  • 12 जून 2014 को नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण :एनसीए: ने बांध को पूरी उंचाई तक बनाने और गेट लगाने की परमिशन दी.
  • 10 जुलाई 2017 को बांध के सभी 30 गेट लगाये गये.
  • सुप्रीम कोर्ट ने 8 फरवरी 2017 को परियोजना से प्रभावित लोगों के पुनर्वास और पुन:स्थापना के काम को तीन महीने में पूरा करने का निर्देश दिया.
  • 17 सितंबर 2017 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सरदार सरोवर नर्मदा बांध प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया.
ADVERTISEMENTREMOVE AD

बांध से होंगे ये फायदे

  1. बांध की ऊंचाई बढ़ने से पानी स्टोर करने की कैपेसिटी 4.73 एकड़ फीट(एमएएफ) हो जाएगी, जिससे गुजरात, राजस्थान, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के लोगों को फायदा होगा.
  2. पानी डिस्चार्ज करने की कैपेसिटी के लिहाज से ये दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा बांध है. भारत का तीसरा सबसे ऊंचा बांध होगा.
  3. गुजरात के जिन इलाकों में पानी की किल्लत है वहां नर्मदा के पानी को नहर और पाइपलाइन नेटवर्क के जरिये पहुंचाने में मदद मिलेगी.
  4. सिंचाई सुविधा में विस्तार होगा, जिससे 10 लाख किसानों को लाभ पहुंचेगा. कई गांवों में पीने का पानी पहुंचेगा और ये चार करोड़ लोगों को फायदा पहुंचाएगा.
  5. वॉटर ट्रांसपोर्ट के बड़े साधन के रूप में देखा जा रहा है. इससे हर साल 100 करोड़ यूनिट बिजली पैदा होने की संभावना है.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×