उद्योगपति अनिल अंबानी की रिलायंस जनरल इंश्योरेंस द्वारा कथित भ्रष्टाचार के एक मामले में जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Satyapal Malik) को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने गवाह के तौर पर पूछताछ के लिए बुलाया है.
सत्यपाल मलिक ने 2018 में कंपनी द्वारा एक कॉन्ट्रैक्ट रद्द कर दिया था जब वह जम्मू और कश्मीर के राज्यपाल थे.
एफआईआर में, सीबीआई ने रिलायंस जनरल इंश्योरेंस के साथ-साथ ट्रिनिटी रीइंश्योरेंस ब्रोकर्स को जम्मू-कश्मीर सरकार के कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए एक चिकित्सा बीमा योजना शुरू करने में कथित घोटाले के आरोपी के रूप में नामित किया.
17 अक्टूबर 2021 को सत्यपाल मलिक ने राजस्थान में एक समारोह में कहा था, दो फाइलें मेरे पास आई थीं. सचिवों में से एक ने मुझसे कहा कि अगर मैं इन्हें मंजूरी देता हूं, तो मुझे 150-150 करोड़ रुपये मिल सकते हैं. मैंने यह कहते हुए प्रस्ताव को ठुकरा दिया कि मैं कश्मीर में पांच कुर्ता-पायजामा के साथ आया हूं और उसी के साथ यहां से चला जाऊंगा।
सत्यपाल मलिक ने बीमा योजना में धोखाधड़ी का आरोप लगाया था, जिसके बाद सीबीआई की कार्रवाई हुई है. सूत्रों ने कहा कि सीबीआई उनसे कथित घोटाले के बारे में और जानकारी हासिल करना चाहती है.
एफआईआर में सीबीआई ने रिलायंस जनरल इंश्योरेंस के साथ-साथ ट्रिनिटी रीइंश्योरेंस ब्रोकर्स को जम्मू-कश्मीर सरकार के कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए एक चिकित्सा बीमा योजना शुरू करने में कथित घोटाले के आरोपी के रूप में नामित किया. जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने इस बारे में बताया कि,
मेरे द्वारा रिपोर्ट किए गए मामले के संबंध में सीबीआई कुछ स्पष्टीकरण चाहती है.
लगभग 3.5 लाख कर्मचारियों को कवर करने वाली यह योजना सितंबर 2018 में शुरू की गई थी और सत्यपाल मलिक द्वारा इसे एक महीने के भीतर रद्द कर दिया गया था. सत्यपाल मालिक ने हाल ही में न्यूज वेबसाइट द वायर को पुलवामा हमले को लेकर कुछ दावे किए थे जो पीएम मोदी की कार्यशैली पर सवाल उठाने वाले थे. अपने इन दावों के बाद से सत्यपाल मालिक लगातार सुर्खियों में हैं और वह सरकार पर हमलावर है.
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