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‘सबके लिए बिजली’ योजना में मुफ्त बिजली नहीं

सौभाग्य योजना पर उठ रही चिंताओं को दूर करने के लिए, मंत्रालय ने पूछे जा रहे सवालों की सूची जारी की है.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 2019 तक सबके लिए बिजली’ योजना में ग्राहकों को मुफ्त बिजली नहीं मिलेगी. ऊर्जा मंत्रालय ने कहा है कि गरीबों को मुफ्त कनेक्शन जरूर मिलेंगे लेकिन बिजली के लिए उन्हें कीमत देनी होगी. प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना- सौभाग्य ने ये बहस छेड़ दी थी कि क्या ये हर गांव तक बिजली पहुंचाने की पुरानी योजना का ही नया रूप है.

पूर्व ऊर्जा सचिव अनिल राजदान ने ब्लूमबर्ग क्विंट को बताया कि योजना एक दशक पुरानी है. पहले इसका फोकस गांवों के विद्युतीकरण पर था, और अब हजारों करोड़ रुपए खर्च करने के बाद इसे हर घर तक पहुंचाया जा रहा है.

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इस बारे में उठ रही चिंताओं को दूर करने के लिए, मंत्रालय ने पूछे जा रहे सवालों की सूची जारी की है.

योजना का उद्देश्य क्या है?

ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बचे हुए गैर-विद्युतीकृत घरों में बिजली पहुंचाना.

योजना में क्या है?

घर तक नजदीकी बिजली के खंभे से तार के जरिए बिजली का कनेक्शन, एनर्जी मीटर लगाना, एक एलईडी बल्ब के साथ एक लाइट प्वॉइंट और मोबाइल चार्जिंग प्वॉइंट.

मौजूदा दोनों स्कीमों से ये अलग कैसे है?

दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना का मकसद गांवों में बिजली की आधारभूत संरचना तैयार करना है जबकि इंटीग्रेटेड पावर डेवलपमेंट स्कीम शहरी क्षेत्रों के लिए है. अतीत में विद्युतीकृत हुए गांवों में, कई घरों में अभी भी बिजली का कनेक्शन नहीं है क्योंकि वो शुरुआती खर्च नहीं दे सके. ऐसा ही शहरी क्षेत्रों के गरीब घरों में है. सौभाग्य स्कीम का लक्ष्य इन कमियों को पूरा करना और हर जरूरतमंद तक बिजली पहुंचाना है.

योजना कैसे लागू होगी?

राज्यों की बिजली वितरण कंपनियां परियोजना का प्रस्ताव तैयार करेंगी और उन्हें सेक्रेटरी की अगुवाई वाली इंटर-मिनिस्ट्रियल मॉनिटरिंग कमिटी से मंजूरी मिलेगी. मंजूर हुई परियोजनाओं के तहत विद्युतीकरण का काम वितरण कंपनियां या बिजली विभाग, ठेकेदारों की मदद से पूरा करेगा.

इसका असर मांग पर क्या होगा?

योजना का लक्ष्य 4 करोड़ घरों को बिजली नेटवर्क के अंदर लाना है. 1 किलोवॉट का लोड और रोजाना 8 घंटे का इस्तेमाल, औसत माना जाए, तो देश को हर साल 28,000 मेगावॉट या 8,000 करोड़ यूनिट अतिरिक्त बिजली की जरूरत होगी.

किन घरों को लाभ होगा?

4 करोड़ गैर-विद्युतीकृत घरों में से करीब 1 करोड़ ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी रेखा से नीचे हैं और पहले से दीनदयाल उपाध्याय योजना में आते हैं. ‘सबके लिए बिजली’ योजना के दायरे में, बचे 3 करोड़ घर आएंगे- इनमें 2.5 करोड़ ग्रामीण और 50 लाख शहरी क्षेत्रों में हैं.

उन क्षेत्रों में क्या होगा जहां ग्रिड लाइन नहीं हैं?

दूर-दराज के क्षेत्रों में स्थित घरों के लिए 200 से 300 वॉट के सोलर पावर पैक, एक बैटरी, 5 एलईडी लाइट, 1 डीसी पंखा, 1 डीसी पावर प्लग का प्रावधान है. इन चीजों की पांच साल तक मरम्मत और रख-रखाव की व्यवस्था भी होगी.

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