सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को तमिलनाडु सरकार को ये सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि NEET परीक्षा के मसले को लेकर राज्य में कोई आंदोलन नहीं हो. कोर्ट ने राज्य सरकार को ये निर्देश दिया है कि अगर कोई भी शख्स ऐसी गतिविधियों से जुड़ा होता पाया जाता है जिससे राज्य का जनजीवन प्रभावित होता है तो उसके खिलाफ कानूनी मामला दर्ज किया जाए.
क्या है NEET परीक्षा?
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 28 अप्रैल को आदेश दिया था कि देशभर के मेडिकल कॉलेजों में दाखिला एक कॉमन एन्ट्रेंस टेस्ट के जरिए होंगे. इसे नेशनल एलिजिबिलिटी कम एन्ट्रेंस टेस्ट (NEET) नाम दिया गया है.
शुक्रवार को चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस खानविलकर और जस्टिस वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने ये निर्देश देते हुए कहा कि NEET परीक्षा को कोर्ट पहले ही सही ठहरा चुकी है. पीठ ने कहा-
अंतरिम उपाय के रुप में ये निर्देश दिया जाता है कि तमिलनाडु सरकार के मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव का ये दायित्व है कि NEET परीक्षा के संबंध में किसी प्रकार का आंदोलन नहीं हो
तमिलनाडु सरकार को नोटिस जारी
कोर्ट ने इसके साथ ही एक याचिका पर तमिलनाडु सरकार को नोटिस जारी किया. इस याचिका में राज्य सरकार को कानून व्यवस्था बनाये रखने और ये सुनिश्चित करने का निर्देश देने की मांग की गई है कि NEET की परीक्षा के खिलाफ किसी भी राजनीतिक दल या व्यक्ति को आन्दोलन, हड़ताल या विरोध प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी जाए.
याचिका में कहा गया है कि इस मुद्दे को लेकर राज्य में चल रहे आंदोलन से सामान्य जिंदगी बुरी तरह प्रभावित हुआ है. कोर्ट इस मामले में अब 18 सितंबर को आगे सुनवाई करेगा.
(इनपुट: भाषा)
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