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'कोरोना माता' मंदिर गिराए जाने के खिलाफ याचिका पर SC ने महिला पर लगाया जुर्माना

CORONA TEMPLE|सुप्रीम कोर्ट ने इसे अधिकारों का गलत इस्तेमाल बताया

Published
भारत
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सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने एक महिला द्वारा 'कोरोना माता' का मंदिर तोड़े जाने के खिलाफ याचिका दायर करने पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया. कोरोना माता मंदिर का मामला उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के प्रतापगढ़ (Pratapgarh) जिले का है.

न्यायधीश संजय किशन कॉल की अध्यक्षता वाली बेंच ने दीपमाला श्रीवास्त (Deepmala Shrivastava) और उसके पति द्वारा विवादित भूमि पर बनाये गए मंदिर के पक्ष में दायर याचिका खारीज कर दी.

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शीर्ष अदालत ने महिला पर यह कहते हुए जुर्माना लगाया कि 'ये कोर्ट के अधिकार क्षेत्र की प्रक्रिया का दुरुपयोग है.' सुप्रीम कोर्ट ने कहा,

भारतीय संविधान के आर्टिकल 32 के तहत यह अदालत के अधिकार क्षेत्र की प्रक्रिया का गलत इस्तेमाल है. इस याचिका को पांच हजार रुपये के जुर्माने के साथ खारिज किया जाता है जुर्माने की रकम को सुप्रीम कोर्ट एडवोकट ऑन रिकॉर्ड वेलफेयर फंड में चार हफ्तों के भीतर जमा कराई जाए.

कोरोना माता मंदिर का निर्माण प्रतापगढ़ जिले के शुक्लापुर गांव में एक नीम के पेड़ के नीचे इस आस्था से किया गया के इससे कोरोना काबू में होगा.

ग्रामीणों ने कोरोना माता मंदिर पर इस आस्था से प्रसाद चढ़ाना शुरू किया के उनके और आस पास के गांव इससे कोरोना की मार से बच सकें. मंदिर का निर्माण सात जून 2021 को किया गया, जिसे 11 जून को ध्वस्त कर दिया गया.

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