- सुप्रीम कोर्ट ने कावेरी नदी मामले पर अपना 5 सितंबर का फैसला बदला
- कोर्ट ने कर्नाटक सरकार की अर्जी पर बदला फैसला
- सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक सरकार की ताजा फैसले में फेरबदल की अर्जी को ठुकराया
- कर्नाटक का 70% हिस्सा सूखाग्रस्त है इसलिए सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला काफी राहत देने वाला है
सुप्रीम कोर्ट ने ‘कावेरी नदी विवाद’ पर कर्नाटक सरकार को राहत देते हुए अपने 5 सितंबर के फैसले में बदलाव किया है. इस फैसले में कर्नाटक सरकार को 20 सितंबर तक 12 हजार क्यूसेक पानी देने का आदेश है. इससे पहले वाले फैसले में 10 दिनों तक 15,000 क्यूसेक पानी छोड़ने का आदेश था.
कर्नाटक में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से विरोध प्रदर्शन जारी हैं.
आखिर क्या है विवाद का कारण
कर्नाटक और तमिलनाडु के बीच पिछले 120 सालों से जारी कावेरी जल विवाद मॉनसून की वजह से तूल पकड़ता होता है. इस साल कर्नाटक का 70 परसेंट हिस्सा सूखे से जूझ रहा है. ऐसे में कर्नाटक कावेरी नदी के पानी को तमिलनाडु को देने को तैयार नहीं है. वहीं, तमिलनाडु को भी पानी की सख्त जरूरत है.
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