जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के हिरासत के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन को नोटिस जारी किया है. मुफ्ती की बेटी इल्तिजा ने पब्लिक सेफ्टी एक्ट (PSA) 1978 के तहत मां की नजरबंदी को चुनौती देते हुए याचिका दाखिल की थी.
बता दें कि उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को पिछले साल 5 अगस्त से ऐहतियातन तौर पर हिरासत में लिया गया है. ये दोनों जम्मू-कश्मीर से आर्टिल 370 और 35ए के हटने के बाद से ही हिरासत में हैं. दोनों नेताओं को तब पीएसए के तहत हिरासत में लिया गया है.
क्या है PSA?
PSA के तहत अगर सरकार को शक है कि आप पब्लिक सेफ्टी के लिए खतरा हैं या फिर राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हैं तो आपने भले ही कोई गलत काम नहीं किया हो, सरकार आपको हिरासत में ले सकती है. शेख अब्दुल्ला सरकार में लाए गए PSA को 8 अप्रैल, 1978 को जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल की मंजूरी मिली थी. PSA को लकड़ी तस्करों पर लगाम कसने के लिए लाया गया था.
इस कानून के तहत हिरासत में लिए गए व्यक्ति का मामला सरकार को एडवाइजरी बोर्ड के सामने भेजना होता है. बोर्ड को अपना सुझाव आठ हफ्तों में देना होता है. अगर बोर्ड हिरासत को सही ठहराता है, तो सरकार शख्स को बिना ट्रायल के 2 साल तक हिरासत में रख सकती है. शुरुआत में इस कानून के तहत 16 साल से ज्यादा के नाबालिगों को भी हिरासत में लिया जा सकता था.
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