जम्मू-कश्मीर में 3 बड़े आतंकी संगठनों को पाकिस्तान में बैठे उनके आकाओं ने आतंकी हमलों से लेकर पुलिसकर्मियों की हत्या तक कई तरह की जिम्मेदारियां सौंपी हैं. इन आतंकी संगठनों में लश्कर-ए-तैयबा (LeT), हिज्बुल मुजाहिदीन (HM) और जैश-ए-मोहम्मद (JeM) शामिल हैं.
न्यूज एजेंसी एएनआई ने एक खुफिया दस्तावेज के हवाले से बताया है कि पिछले हफ्ते पुलवामा में एक बैठक हुई थी, जहां 3 आतंकी संगठनों को उनके आकाओं से मिले कामों के बारे में बताया गया था.
इस दस्तावेज में कहा गया है, ''यह विश्वसनीय इनपुट है कि आतंकियों ने पुलवामा में एक जगह पर संयुक्त बैठक की, जिसके दौरान अलग-अलग आतंकी संगठनों को भविष्य की रणनीति के तौर पर अलग-अलग जिम्मेदारियां सौंपी गईं.''
दस्तावेज के मुताबिक, खुफिया एजेंसियों ने चेतावनी दी है कि पाकिस्तान समर्थित इन आतंकी समूहों को कश्मीर घाटी और भारत के बाकी हिस्सों में आतंकी हमले करने से लेकर पुलिसकर्मियों और राजनेताओं की हत्या तक की जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं.
खुफिया एजेंसियों के अलर्ट में कहा गया है, ''JeM को नेशनल हाईवे पर हमला करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. LeT को सुरक्षा ठिकानों पर हमले का काम दिया गया है, जबकि HM को पुलिसकर्मियों और राजनेताओं की हत्या का काम सौंपा गया है.''
एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि इन आतंकी संगठनों को घाटी में सकारात्मक बदलाव होने की सूरत में हमले करने के लिए कहा गया है.
ऐसे में सुरक्षाबलों को स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर्स का पालन करने और लगातार खुफिया एजेंसियों से जुड़कर काम करने के लिए कहा गया है.
एएनआई के मुताबिक, हाल ही में जम्मू-कश्मीर के DGP दिलबाग सिंह ने कहा था, ''इलाके में अभी 200-300 आतंकी सक्रिय हैं, लेकिन संख्या लगातार बदल रही है.'' उन्होंने कहा था कि जम्मू-कश्मीर के उरी, राजौरी, पुंछ और दूसरे क्षेत्रों में कई सीजफायर उल्लंघन हो रहे हैं. सिंह ने बताया था कि सीजफायर उल्लंघन के दौरान पाकिस्तान घुसपैठियों को आगे बढ़ाने की कोशिश करता है.
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