नोटबंदी के बाद 500 रुपये के नए नोट की छपाई
- 8 नवंबर को नोटबंदी के बाद से हो रही है 500 रुपये के नोट की कमी
- वित्त मंत्रालय के अधीनस्थ संस्था छाप रही है 500 रुपये के नए नोट
- सूत्रों के मुताबिक, नए नोटों की कमी पूरी करने की जल्दी में की गई एक गलती
- पीआईबी के मुताबिक, इस खबर में किसी तरह की सच्चाई नहीं
पीएम मोदी के नोटबंदी के फैसले के बाद 500 रुपये के नए नोट ने जनता के हाथों में पहुंचने में कई दिन लगाए. द क्विंट आपको पहले ही बता चुका है कि इसके लिए तकनीकी कारण जिम्मेदार हैं. लेकिन अब हम आपको बता रहे हैं कि मध्यप्रदेश की देवास करेंसी प्रिंटिंग प्रेस ने 500 रुपये के नए नोट को छापने में एक महत्वपूर्ण चरण को छोड़ दिया है. और, ऐसा वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के आदेश के चलते हुआ.
500 रुपये के नए नोट में गलती?
एसपीएमसीआईएल की देवास बैंक नोट प्रिंटिंग प्रेस यूनिट ने 500 रुपये के नए नोट को छापने में रंग परिक्षण जैसे महत्वपूर्ण हिस्से को छोड़ दिया. ये नोट छापने की 5 चरण का एक विशेष हिस्सा है. वित्त मंत्रालय के अधीन काम करने वाली देवास यूनिट ने काम के बोझ के चलते इस चरण को जानबूझ कर छोड़ दिया है. इस गलती की वजह से नए नोटों के जाली नोट सामने आने का जोखिम बढ़ जाता है.
सबसे खास बात ये है कि रंगों के परिक्षण की वजह से ही जाली नोटों और असली नोटों में अंतर करना संभव होता है.
डिफेक्टिव नोट आए सामने
देवास यूनिट से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, 500 रुपये को नए नोट सर्कुलेशन में आने के बाद से कुल नए नोटों के 2 से 5 परसेंट डिफेक्टिव नोट छपे हैं. और, ये नोट नए नोटों के साथ ही सर्कुलेशन में आ गए हैं.
आरबीआई की प्रवक्ता अल्पना किलावाला से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि वे इस बारे में कोई बयान नहीं दे सकतीं क्योंकि देवास प्रिंटिंग प्रेस यूनिट वित्त मंत्रालय के अंतर्गत आती है. द क्विंट ने देवास प्रिंटिंग प्रेस यूनिट के जीएम एनसी वेलप्पा से फोन पर बात करने की कोशिश की लेकिन कई बार कोशिश करने के बाद भी उनसे बात नहीं हो सकी.
द क्विंट ने इसके बाद पीआईबी के निदेशक फ्रेंक नूरंहा से बात की तो उन्होंने इस खबर में किसी भी तरह की सच्चाई होने से इनकार किया.
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