केंद्र सरकार ने डेंगू से उभरती नई चुनौती से निपटने के लिए 11 राज्यों के साथ बैठक की. केंद्र ने राज्यों से कहा कि इसके लिए जरूरी कदम उठाए जाने चाहिए, हेल्पलाइन शुरू की जानी चाहिए और टेस्ट किट पर्याप्त मात्रा हो, लारविसाइड्स और दवाओं का स्टॉक भी होना चाहिए.
कोरोना वायरस की स्थिति को देखते हुए केंद्र ने राज्यों को आगामी त्योहारों को लेकर भी दिशा-निर्देश जारी किए और सामूहिक समारोहों से बचने का निर्देश भी दिया.
डेंगू से प्रभावित राज्य आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, तेलंगाना, केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और ओडिशा शामिल हैं, जहां सीरोटाइप-2 डेंगू के मामले दर्ज हुए हैं.
इस बैठक में केंद्र ने डेंगू प्रभावित राज्यों को सीरोटाइप- II डेंगू के मामलों की तुरंत जांच के लिए टीम को तैनात करने के लिए कहा है. राज्यों को यह भी निर्देश दिया गया कि वे हेल्पलाइन, वेक्टर नियंत्रण के तरीकों, घरों में डेंगू के सोर्स को में कमी के तरीकों को लेकर और डेंगू के लक्षणों के बारे में भी कई अभियान चलाएं.
कितना खतरनाक है सीरोटाइप-2 डेंगू?
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने 11 राज्यों में सीरोटाइप-2 डेंगू संबंधी चुनौतियों को रेखांकित किया. साथ ही भूषण ने यह भी सुझाव भी दिया कि बुखार का सर्वेक्षण, कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग, बीमारियों को फैलाने वालों पर नियंत्रण, प्लेटलेट्स का पर्याप्त स्टॉक बनाए रखने के लिए ब्लड बैंकों को तैयार रखने जैसी आवश्यक जनस्वास्थ्य कार्रवाई की जानी चाहिए.
उन्होंने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा कि 15 राज्यों के 70 जिलों में स्थिति चिंता का कारण है और इनमें से 34 जिलों में संक्रमण दर 10 प्रतिशत से ज्यादा और 36 जिलों में संक्रमण दर 5-10 प्रतिशत है.
स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि कहा कि आपात कोविड प्रतिक्रिया पैकेज के तहत सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को धन जारी किया जा चुका है, जिसका सर्वोत्तम ढंग से इस्तेमाल किया जाना चाहिए. मंत्रालय ने कहा कि इसने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को डेंगू से जनित अन्य बीमारियों पर नियंत्रण के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश भी दिया है.
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