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शाहीन बाग: 4 महीने के बच्चे की मौत, परिवारवालों का केंद्र पर आरोप

हमारी उस अस्पताल में जाने की हैसियत नहीं थी, इसलिए हम बच्चे को अल शिफा अस्पताल ले गए.

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दिल्ली के शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लेकर पिछले साल दिसंबर से ही प्रदर्शन लगातार जारी है. एक गरीब परिवार का आरोप है कि प्रदर्शन के कारण उनके चार महीने के बच्चे की मौत हो गई है. बच्चे की मौत की वजह लगातार ठंड के संपर्क में रहना बताई जा रही है.

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बच्चे के पिता अरशद ने आईएएनएस से कहा, "हम लोग 29 तारीख तक विरोध प्रदर्शन में थे. धरना-प्रदर्शन से देर रात हम वापस आए और हमने करीब ढाई बजे बच्चे को दूध पिलाया था. जब सुबह के वक्त हम उठे तो देखा कि बच्चा बिल्कुल खामोश था. उसके बाद हम तुरंत पहले बाटला हाउस क्लीनिक ले गए, लेकिन वहां हमें बोला गया कि इसे होली फैमिली अस्पताल ले जाओ.”

“हमारी उस अस्पताल में जाने की हैसियत नहीं थी, इसलिए हम बच्चे को अल शिफा अस्पताल ले गए. वहां जब डॉक्टर ने देखा तो कहा कि बच्चे की मौत पांच घंटे पहले ही हो चुकी है.”

क्या है परिवार का आरोप?

परिवार का आरोप है कि अगर सरकार यह कानून नहीं लेकर आती तो उन्हें प्रदर्शन पर नहीं बैठना पड़ता. बच्चे के परिजनों ने कहा कि हम लोग बिहार से हैं और हमारे पास न कागज है और न ही नौकरी. बच्चे के पिता अरशद रिक्शा चालक हैं.

अरशद ने कहा, "अगर यह कानून वापस नहीं लेंगे तो हम कहां से कागज दिखाएंगे. हमारे पास खाने को भी पैसे नहीं हैं, फिर भी हम धरना दे रहे हैं, क्योंकि हमें डर है कि हम यहां रहने के लिए कागज कहां से लेकर आएंगे. हम मोदी जी को बताना चाहते हैं कि हम धरने पर बैठे रहेंगे, चाहे कुछ भी हो जाए. फिर चाहे हमें अपने अन्य दोनों बच्चों को भी शहीद क्यों न करना पड़े."

(इनपुट-आईएनएस)

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