दिल्ली के शाहीन बाग में रास्ता खोलने को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. वार्ताकारों ने एक सीलबंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट एपेक्स कोर्ट को सौंप दी है. रिपोर्ट सौंपने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई दो दिनों के लिए टाल दी है. सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले की सुनवाई 26 फरवरी को करेगा. फिलहाल रास्ता खुलवाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट की तरफ से कोई आदेश नहीं आया है.
बता दें कि दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और एनआरसी के खिलाफ करीब 70 दिनों से लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शन कर रहे लोगों को हटाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी.
सुप्रीम कोर्ट ने रास्ता खुलवाने के लिए नियुक्त किए थे वार्ताकार
17 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने लोगों को समझाकर रास्ता खुलवाने के लिए दो वार्ताकार नियुक्त किए थे. जिसके बाद वार्ताकार संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन ने 4 दिनों तक शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश की लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकला. लोगों ने हटने से इंकार करते हुए साफ कहा था कि जब तक सरकार CAA वापस नहीं लेती है तब तक वो नहीं हटेंगे.
इसी बीच रविवार को ही वार्ताकारों की मदद कर रहे पूर्व सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्लाह ने शाहीन बाग में सड़क अवरोध पर एक हलफनामा दायर किया था. हलफनामे में वजाहत हबीबुल्लाह ने रोड ब्लॉक के लिए पुलिस को जिम्मेदार ठहराया है.
इस हलफनामे में कहा है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ शाहीन बाग में विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण चल रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस ने शाहीन बाग के आसपास पांच रास्तों को बंद कर रखा है जिसकी वजह से लोगों को परेशानी हुई.
कोर्ट ने कहा- विरोध का हक लेकिन सड़क जाम करना सही नहीं
जस्टिस एसके कौल और जस्टिस केएम जोसेफ की बेंच ने कहा था,
‘‘एक कानून है और लोगों की उसके खिलाफ शिकायत है. मामला अदालत में लंबित है. इसके बावजूद कुछ लोग प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्हें प्रदर्शन का अधिकार है.आप सड़कों को ब्लॉक नहीं कर सकते. ऐसे क्षेत्र में अनिश्चित समय तक प्रदर्शन नहीं हो सकते. अगर आप प्रदर्शन करना चाहते हैं तो यह प्रदर्शन के लिए निर्धारित स्थान पर होना चाहिए.’’
बता दें कि CAA-NRC के विरोध में 15 दिसंबर को जामिया नगर में हुए हिंसक प्रदर्शनों के बाद से दिल्ली-नोएडा को जोड़ने वाले सड़क पर शाहीन बाग इलाके में विरोध प्रदर्शन चल रहा है. इस प्रदर्शन में रोज सैकड़ों महिलाएं भागीदारी कर रही हैं.
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