नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ पिछले एक महीने से ज्यादा समय से दिल्ली के शाहीन बाग में चल प्रदर्शन के बीच, ऐसी खबरें आई थी जिनमें कहा गया है कि यहां आने के लिए हर महिला को 500 रुपये दिए जा रहे हैं.
इन आरोपों के संबंध में मंगलवार, एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में एडवोकेट महमूद प्राचा ने कहा कि बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय को कानूनी नोटिस भेजने के अलावा, उन्होंने पांच मीडिया हाउसों को भी नोटिस भेजे हैं जिसमें - रिपब्लिक टीवी, जी न्यूज , टाइम्स नाउ, टीवी 18 और न्यूज नेशन शामिल है.
प्रचा ने कहा, “शाहीन बाग प्रोटेस्ट के चलते , पूरे देश में लगभग 1,000 से ज्यादा प्रोटेस्ट हो रहे हैं, इसलिए सरकार उनको हटाने की पूरी कोशिश कर रही है. चूंकि उनकी कोई रणनीति काम नहीं कर रही है, इसलिए अब वो ऐसा कर रहे है.”
उन्होंने आगे कहा कि वह उन सबों के खिलाफ एक आपराधिक मामला भी दर्ज करेंगे, जिसमें दो साल तक की सजा होगी.
मंगलवार को उपराज्यपाल अनिल बैजल और कुछ महिला प्रदर्शनकारियों के बीच मुलाकात के बारे में उन्होंने कहा कि यह ‘गलत’ था, वे ‘महिलाओं को इस तरह किसी बैठक के लिए नहीं ले जा सकते हैं.’
बीजेपी के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय को भी मानहानि का नोटिस भेजा गया था.
एडवोकट महमूद प्राचा के ऑफिस से एक लीगल नोटिस भेजा गया, जिसमें 1 करोड़ के मानहानि का दावा किया गया है.
इससे पहले, रिपोर्टों में कहा गया था कि दो प्रदर्शनकारियों, जाकिर नगर की नफीसा बानो और शाहीन बाग की शहजाद फातिमा ने नोटिस भेजा है.
क्या था मामला ?
मालवीय ने 15 जनवरी को ट्विटर पर एक वीडियो शेयर किया था, वायरल वीडियो में कहा गया है कि प्रत्येक महिला को प्रदर्शन में शामिल होने के लिए 500 रुपये दिए जा रहे हैं
प्रदर्शनकारियों को हटाने का प्रयास ?
शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि मालवीय एक बीजेपी नेता हैं और प्रदर्शनकारियों को हटाने में उनका स्वार्थ छुपा है.
बता दें कि 15 दिसंबर को जामिया मील्लिया इस्लामिया में नागरिकता कानून के खिलाफ पुलिस ने छात्रों पर बल प्रयोग किया था. जिसके बाद से शाहीन बाग की महिलाओं ने कालिंदी कुंज-शाहीन बाग इलाके में सड़क जाम कर दिया. ये महिलाएं पिछले एक महीने से बीच सड़क पर ही विरोध प्रदर्शन कर रही हैं. प्रदर्शनकारी नागरिकता कानून को वापस लेने और NRC ना लागू करने को लेकर विरोध कर रहे हैं.
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