उर्जित पटेल के इस्तीफा देने के बाद रिजर्व बैंक के नए गवर्नर के नाम का ऐलान हो गया है. आर्थिक मामलों के पूर्व सचिव शक्तिकांत दास आरबीआई के नए गवर्नर का पदभार संभालेंगे. इनका कार्यकाल तीन साल का होगा.
नोटबंदी के वक्त शक्तिकांत सरकार का बचाव करते रहे हैं, जबकि रिजर्व बैंक ने तब चुप्पी साध रखी थी. नोटबंदी पर उन्होंने सरकार के रुख का ही समर्थन किया है. दास की दलील थी कि नोटबंदी से कालाधन, नकली नोट दूर करने में मदद मिलेगी.
कौन हैं शक्तिकांत दास
- शक्तिकांत मई 2017 तक मोदी सरकार में आर्थिक मामलों के पूर्व सेक्रेटरी रहे
- नोटबंदी के ऐलान के वक्त आर्थिक मामलों के सेक्रेटरी थे
- 1980 बैच के तमिलनाडु कैडर के IAS हैं
- अभी 15वें वित्तीय आयोग के सचिव हैं
- शक्तिकांत आरबीआई के 25वें गवर्नर होंगे
शक्तिकांता के सामने चुनौती
- केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक के बीच विवाद के मुद्दों को निपटाना
- RBI के पास मौजूद कैश डिविडेंड के तौर पर सरकार को देने का फॉर्मूला तैयार करना
- नकदी से जूझ रहे बैंकों को मुश्किल से निकालना
- रिजर्व बैंक की पाबंदी की वजह से कई बैंक नया लोन नहीं दे पा रहे
रिजर्व बैंक की अगली बोर्ड बैठक के दौरान शक्तिकांता की भूमिका पर सबकी नजर होगी. पिछली बोर्ड बैठक में तय किया गया था कि रिजर्व बैंक और सरकार के बीच डिविडेंड का फॉर्मूला तय करने के लिए कमेटी बनाई जाए. कमेटी के सदस्य रिजर्व बैंक गवर्नर और केंद्र सरकार तय करेगी. सरकार चाहती है कि रिजर्व बैंक के फैसलों में बोर्ड की भूमिका बढ़े.
बता दें, सोमवार को निजी कारणों का हवाला देते हुए पटेल ने इस्तीफा दे दिया था. कुछ महीनों से रिजर्व बैंक और सरकार के बीच बड़ा मतभेद चल रहा था. 14 दिसंबर को रिजर्व बैंक बोर्ड की बैठक से पहले गर्वनर के इस्तीफे पर लगातार सवाल उठ रहे हैं.
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