कृषि बिल और MSP के मुद्दे पर अकाली दल केंद्र सरकार के खिलाफ आरपार की लड़ाई करता दिख रहा है. पार्टी ने बीजेपी के नेतृत्व वाले सत्ताधारी गठबंधन NDA को छोड़ने का फैसला लिया है. पार्टी की नेता हरसिमरत कौर पहले ही कृषि बिल के विरोध में केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे चुकी हैं. अकाली दल ने बयान में कहा है कि फसलों की एमएसपी पर सरकार ने कोई विधायी गारंटी नहीं दी, साथ ही पंजाबी और सिख मुद्दों पर ये सरकार असंवेदनशील है, इसलिए अकाली दल ने एनडीए से बाहर आने का फैसला किया है.
शिरोमणि अकाली दल ने बीजेपी के नेतृत्व वाले NDA गठबंधन से बाहर आने का फैसला किया है क्योंकि केंद्र किसानों की फसल को MSP पर मार्केटिंग की वैधानिक विधायी गारंटी देने से मना कर रहा है और वो पंजाबी और सिख मुद्दों पर लगातार असंवेदनशील रहा है.अकाली दल
पार्टी के पास लोकसभा में दो और राज्यसभा में तीन सीटें हैं.
बता दें कि इस बिल के विरोध में 25 सितंबर को देश के कई राज्यों में भारत बंद बुलाया गया. कई किसान संगठन सड़क पर थे. भारत बंद के दौरान अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल ने कहा था कि हरसिमरत कौर का इस्तीफा बीजेपी सरकार के लिए किसी बम की तरह था.
“आपको याद है जब वर्ल्ड वॉर-2 में जापान का पूरा दबदबा था, लेकिन अमेरिका ने एक एटम बम गिराकर पूरे देश को हिलाकर रख दिया. ऐसे ही अकाली दल के एक ही बम (हरसिमरत कौर का इस्तीफा) ने मोदी को हिला दिया. जब पिछले दो महीने तक किसानों के बारे में बात तक नहीं हुई, लेकिन अब पांच-पांच मंत्री रोज सामने आकर किसानों की बात कर रहे हैं. शिरोमणि अकाली दल के बम से देश हिल गया.”सुखबीर सिंह बादल
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