बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से श्रीलंका की तरह भारत में भी बुर्का बैन करने की मांग की है. शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' के जरिए बुधवार को यह मांग सामने रखी है.
शिवसेना ने सामना के एडिटोरियल में लिखा है, ''यह (बुर्का बैन) रावण की लंका में हो चुका है. राम की अयोध्या में कब होगा? हम प्रधानमंत्री से यह सवाल पूछते हैं.''
शिवसेना ने अपने मुखपत्र में लिखा है, ‘’बम धमाकों के बाद श्रीलंका ने बुर्का पहनने और किसी भी तरह से चेहरा ढकने पर बैन लगा दिया है. (श्रीलंका के) राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना ने ऐलान किया है कि यह फैसला राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में लिया गया है. हम इस फैसले का स्वागत करते हैं और राष्ट्र हित में पीएम मोदी से भी भारत में इसी तरह का फैसला लेने की मांग करते हैं.’’
इसके अलावा सामना में लिखा गया है कि जो श्रीलंका LTTE के आतंक से आजाद हो चुका था, अब उस पर इस्लामिक स्टेट ने शिकंजा कस लिया है.
इस मामले पर शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, ''बुर्का और निकाब भारत के लिए धार्मिक पहनावा नहीं है. पूरी दुनिया में इनको बैन किया जा रहा है. अगर भारत में कोई इनको धर्म या इस्लाम से जोड़ता है तो उसने कुरान नहीं पढ़ा होगा. उसे कुरान को सही से पढ़ना चाहिए.''
शिवसेना की मांग से बीजेपी और आरपीआई सहमत नहीं
बीजेपी की एक और सहयोगी पार्टी आरपीआई के नेता रामदास अठावले इस मामले पर शिवसेना से अलग राय रखते हैं. उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, ''बुर्का पहनने वाली सभी महिलाएं आतंकवादी नहीं होतीं. यह एक पारंपरिक पहनावा है और उन्हें इसे पहनने का अधिकार है. भारत में बुर्के पर बैन नहीं लगना चाहिए.''
इस बीच बीजेपी के प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने कहा है कि भारत में किसी भी तरह के बैन की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा, ''आतंकवाद को लेकर हमारी जीरो टॉलरेंस पॉलिसी है, लेकिन मुझे नहीं लगता है कि किसी भी तरह के बैन की जरूरत है क्योंकि देश पहले से ही पीएम नरेंद्र मोदी के सुरक्षित हाथों में है.
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