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सोनिया गांधी का PM को खत, MSME सेक्टर को बचाने के लिए दिए 5 सुझाव

इन सुझावों में से एक है 1 लाख करोड़ के ‘MSME वेतन सुरक्षा’ पैकेज का ऐलान

Published
भारत
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कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने देश के आर्थिक हालात को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी को एक खत लिखा है. गांधी ने पीएम मोदी से MSME सेक्टर की हालत सुधारने के लिए कदम उठाने को कहा है. साथ ही सोनिया गांधी ने पीएम को इसे लेकर पांच सुझाव भी दिए हैं.

इन सुझावों में से एक है 1 लाख करोड़ के 'MSME वेतन सुरक्षा' पैकेज का ऐलान. वहीं दूसरा सुझाव 1 लाख करोड़ के क्रेडिट गांरंटी फंड की स्थापना का है.

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सोनिया गांधी ने खत में लिखा कि इकनॉमी की एक जरूरी समस्या का समाधान करने की जरूरत है. गांधी ने कहा, "अगर इस समस्या को नजरंदाज कर दिया गया, तो उससे अर्थव्यवस्था पर बहुत गंभीर प्रभाव पड़ेगा."

MSME सेक्टर देश की जीडीपी में एक तिहाई का योगदान देना है और हमारे कुल निर्यात में 50 प्रतिशत हिस्सा इस सेक्टर का है. इस सेक्टर की 6.3 करोड़ इकाईयों में 11 करोड़ से ज्यादा लोग रोजगार पाते हैं. आर्थिक संकट के इस समय में बगैर मदद के ये सेक्टर बर्बादी की कगार पर आ खड़ा हुआ है. लॉकडाउन से इस सेक्टर को रोजाना 30,000 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है. सबसे चिंताजनक बात ये है कि इनमें काम करने वाले 11 करोड़ से ज्यादा लोगों की नौकरी छिन जाने का खतरा सर पर मंडरा रहा है. 
सोनिया गांधी

सोनिया के सुझाव

  1. 1 लाख करोड़ रुपये के ‘MSME सेक्टर वेज प्रोटेक्शन’ पैकेज की घोषणा की जाए. इससे इन नौकरियों को बचाने, मनोबल बढ़ाने और सर पर मंडराते आर्थिक संकट को दूर करने में मदद मिलेगी.
  2. 1 लाख करोड़ रुपये के ‘क्रेडिट गारंटी फंड’ का गठन किया जाए. इससे इस सेक्टर में तुरंत लिक्विडिटी आएगी और MSME को जरूरत पड़ने पर पर्याप्त पूंजी उपलब्ध हो सकेगी.
  3. RBI ने जो कदम उठाए हैं, वो कमर्शियल बैंकों के एक्शन में भी दिखाई दें. जिससे MSME इकाईयों को पर्याप्त, आसान दरों पर और जल्द से जल्द कर्ज मिलना सुनिश्चित हो सके. इसके अलावा RBI के मॉनेटरी निर्णयों को सरकार की पूरी वित्तीय मदद मिले, जिससे इन इकाईयों को लाभ पहुंचे. मंत्रालय में एक 24/7 हेल्पलाइन बहुत मददगार साबित होगी.
  4. इन उपायों के अलावा लोन के भुगतान के लिए RBI के लोन मोरेटोरियम का लाभ MSME इकाईयों के लिए 3 माह से आगे बढ़ाया जाए. सरकार को MSME के लिए टैक्स में कटौती और अन्य सेक्टर विशेष समाधान भी तलाशने चाहिए.
  5. ज्यादा कोलेटरल सिक्योरिटी के चलते MSME इकाईयों को कर्ज नहीं मिल पाता. MSME इकाईयों के लिए ‘मार्जिन मनी’ की सीमा भी मौजूदा स्थिति में बहुत ज्यादा है. इन कारणों से इस सेक्टर के लिए कर्ज की उपलब्धता कम है. इस समस्या का फौरन समाधान करना भी जरूरी है.
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सोनिया गांधी ने लिखा कि वो कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में अपना लगातार सहयोग देना जारी रखेंगी.

COVID-19 के लिए नेशनल प्लान बने: कपिल सिब्बल

कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने भी केंद्र सरकार को कोरोना वायरस महामारी से लड़ने के लिए कुछ सुझाव दिए हैं. सिब्बल ने सरकार से डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत एक नेशनल प्लान बनाने को कहा है. साथ ही सिब्बल ने कहा, "अब समय आ गया है कि सरकार लॉकडाउन के बारे में विचार करे. ऐसा नहीं हो सकता कि लोग लॉकडाउन में रहें और इकनॉमी लॉकआउट में."

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