तृणमूल कांग्रेस के कुछ सांसदों के खिलाफ स्टिंग ऑपरेशन के मामले को जांच के लिए आचार समिति (एथिक्स कमेटी) के पास भेजा जाए. लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने बुधवार को शून्यकाल समाप्त होने के तुरंत बाद यह घोषणा की.
तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने स्टिंग वीडियो को ‘फर्जी’ बताते हुए अध्यक्ष के इस आदेश पर विरोध जताया और इसे एकतरफा फैसला बताया.
दरअसल, तृणमूल कांग्रेस के कई नेताओं को एक समाचार पोर्टल द्वारा पश्चिम बंगाल में कराए गए स्टिंग ऑपरेशन में एक निजी कंपनी के लिए लॉबिंग के बदले रिश्वत लेते दिखाया गया था. एक दिन पहले ही बीजेपी, कांग्रेस और माकपा सदस्यों ने संसद में आरोपी तृणमूल सांसदों पर इस मामले में प्रहार करते हुए जांच की मांग की थी.
जांच करेंगे ये नेता
बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की अध्यक्षता वाली यह समिति आरोपों के मामले का अध्ययन करेगी और जांच करेगी. लोकसभा की 15 सदस्यीय आचार समिति में बीजेपी नेता अर्जुन मेघवाल, करिया मुंडा, बीजू जनता दल के नेता बी. महताब, कांग्रेस के निनोंग एरिंग और समाजवादी पार्टी के अक्षय यादव का भी नाम शामिल है.
सजा में सदस्यता समाप्त हो सकती है
इससे पहले 2005 में एक आचार समिति ने एक स्टिंग ऑपरेशन में कथित तौर पर फर्जी निजी कंपनियों की मदद के लिए रिश्वत लेते हुए देखे गए 11 सांसदों की सदस्यता समाप्त कर दी थी, जिनमें 10 लोकसभा और एक राज्यसभा के सांसद थे.
निर्वाचन आयोग भी करेगा जांच
मुख्य निर्वाचन आयुक्त नसीम जैदी भी कह चुके हैं कि तृणमूल कांग्रेस से जुड़े तथाकथित स्टिंग ऑपरेशन के वीडियो की जांच निर्वाचन आयोग भी करेगा. जैदी ने कहा कि राजनीतिक दलों से निर्वाचन आयोग को वीडियो मिल गया है, जिसमें कुछ पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद भी हैं.
राज्यसभा में माकपा और तृणमूल कांग्रेस की बहस
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के जांच कराने के आदेश से पहले राज्यसभा में बुधवार को इस मुद्दे को लेकर पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और विपक्षी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के सदस्यों के बीच तीखी बहस हुई.
माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने सरकार से इस मामले में तुरंत जांच का आदेश देने की अपील की. उन्होंने कहा,’यह बहुत बड़ा घोटाला है.’ उन्होंने इस मुद्दे पर सरकार और तृणमूल कांग्रेस के बीच ‘मैच-फिक्सिंग’ होने का अंदेशा भी जताया.
स्टिंग पर तृणमूल कांग्रेस के तीखे सवाल
स्टिंग विवाद को लेकर संसद और उसके बाहर बैकफुट पर खड़ी तृणमूल कांग्रेस ने वीडियो फुटेज की सत्यता पर सवाल उठाते हुए संकेत किया कि इनमें विदेशी धन लगा हो सकता है.
राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे उठाते हुए तृणमूल कांग्रेस के सदस्य डेरेक ओ ब्रायन ने कहा,’हमें वीडियो की प्रमाणिकता को परखने की बजाय इसके स्रोत का पता लगाना चाहिए क्योंकि जिस दिन तथाकथित स्टिंग ऑपरेशन का वीडियो जारी किया गया, उस दिन पोर्टल कंपनी ने दुबई में पांच फोन कॉल किए.’
बहरहाल, पश्चिम बंगाल में होने वाले चुनाव को देखते हुए ऐसा लगता नहीं कि यह मामला इतनी आसानी से ‘ठंडे बस्ते’ में जाएगा.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)