“अयोध्या में राम मंदिर मुद्दे का हल कोर्ट से नहीं बातचीत से ही निकलेगा.” ये कहना है अयोध्या में राम मंदिर को लेकर दोनो पक्षों के बीच सुलह कराने में जुटे श्री श्री रविशंकर का. गुरुवार को रविशंकर ने लखनऊ में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के निष्काषित सदस्य मौलाना सलमान नदवी से मुलकात की.
श्री श्री रविशंकर ने मुलाकात के बाद कहा कि हमें हर पक्ष से अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है. हम दोनों समाज के बीच भाईचारे और राम मंदिर बनने को लेकर चर्चा कर रहे हैं. मुस्लिम समाज से बहुत अच्छा सहयोग मिल रहा है.
मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए श्रीश्री रविशंकर ने कहा,
हम पहले से ही कहते रहे हैं कि आपसी भाईचारे और सौहार्दपूर्ण माहौल के जरिए इस मामले का हल निकालना चाहिए. इसी को लेकर आज यहां चर्चा हुई है. हमारी पहले भी कई लोगों से बात हुई है और आगे भी हम ये चर्चा जारी रखेंगे.
चर्चा के लिए 28 मार्च को एक मीटिंग बुलाई गई है. जिसमें कई लोग शामिल होंगे. इसमें किसी भी राजनीतिक दल का कोई नहीं होगा.
कोर्ट में नहीं, बाहर हो सकता है फैसला
वहीं इस मुलाकात से एक दिन पहले श्री श्री रविशंकर ने वाराणसी में सांस्कृतिक संकुल के एक कार्यक्रम में कहा कि कोर्ट से राम जन्मभूमि विवाद का कोई हल नहीं निकल सकता, क्योंकि कोर्ट के फैसले से किसी एक पक्ष को हार स्वीकार करनी पड़ेगी, जो पक्ष हारेगा, वो अभी तो मान जाएगा लेकिन कुछ समय बाद फिर बवाल शुरू हो जाएगा.
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मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से निकाले जा चुके हैं मौलाना सलमान नदवी
बता दें कि अभी हाल ही में मौलाना सलमान नदवी को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने निकाल दिया था. मौलाना नदवी को बोर्ड से इसलिए निकला गया था, क्योंकि उन्होंने श्री श्री रविशंकर से मिलकर अयोध्या विवाद सुलझाने के लिए राम मंदिर के लिए जमीन छोड़ देने का फॉर्म्यूला दिया था. सलमान नदवी ने कहा था कि छह दिसंबर, 1992 तक जिस जमीन पर बाबरी मस्जिद खड़ी थी, उस जमीन को राम मंदिर निर्माण के लिए छोड़ देना चाहिए और किसी और जमीन पर मस्जिद का निर्माण करना चाहिए.
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