ADVERTISEMENTREMOVE AD

भारत में SC-ST की क्या है मौजूदा स्थिति, इन आंकड़ों से समझिए

दलितों की सामाजिक, आर्थिक स्थिति के साथ देश में उनकी भागीदारी पर डालते हैं एक नजर

Updated
भारत
2 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

एससी-एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद देशभर में काफी विरोध हो रहा है. आजकल अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) चर्चा के केंद्र में है. दलितों को लेकर कई तरह की खबरें आ रही है. ऐसे में देश में रहने वाले दलितों और उनकी मौजूदा स्थिति पर डालते हैं एक नजर-

ADVERTISEMENTREMOVE AD
दलितों की सामाजिक, आर्थिक स्थिति के साथ देश में उनकी भागीदारी पर डालते हैं एक नजर
(इंफोग्राफः अंकिता दास/क्विंट हिंदी)
0

25 करोड़ है इनकी आबादी

देशभर में दलितों की कुल आबादी 25 करोड़ 9 लाख 61 हजार 940 है. 2011 की जनगणना के मुताबिक, देश की कुल आबादी में 24.4 प्रतिशत हिस्सेदारी दलितों की है.

अनुसूचित जाति (एससी) की जनसंख्या 16 करोड़ 66 लाख 35 हजार 700 है, जो कुल आबादी का 16.2 प्रतिशत है. जबकि अनुसूचित जाति की आबादी 8 करोड़ 43 लाख 26 हजार 240 है. और यह देश की कुल जनसंख्या का 8.2 फीसदी है.

उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार और तमिलनाडु में देश के करीब आधे दलित रहते हैं. देश के 148 जिलों में इनकी आबादी 49.9 फीसदी तक है, वहीं 271 जिलों में इनकी तादाद 19.9 प्रतिशत है.

ये भी देखें- बीजेपी के दलित सांसद उदित राज का दर्द छलका, कहा-नहीं पूछती सरकार

ADVERTISEMENTREMOVE AD

एसटी में लिंगानुपात बेहतर

देश के अनुसूचित जनजातियों में लिंगअनुपात काफी हद तक सही है. इनमें लिंगानुपात दर 975 है, जबकि अनुसूचित जाति में यह दर 933 है. अगर इन दोनों समुदायों में साक्षरता की बात करें तो अनुसूचित जाति में साक्षरता दर 66.1 फीसदी है, जबकि अनुसूचित जनजाति में ये दर 59 फीसदी के करीब है. अनुसूचित जनजाति के महज 15.29 फीसदी बच्चे ही प्राथमिक शिक्षा के लिए स्कूल तक जा पाते हैं.

संसद-विधानसभा में सीटें रिजर्व

दलितों की सामाजिक, आर्थिक स्थिति के साथ देश में उनकी भागीदारी पर डालते हैं एक नजर
भारतीय संसद (फाइल फोटो: PTI)

देश की राजनीतिक व्यवस्था में इन्हें समुचित प्रतिनिधित्व दिलाने के लिए इनके लिए रिजर्वेशन का प्रावधान किया गया है. इनके लिए लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में सीटें रिजर्व है. 543 सदस्यीय लोकसभा में 84 सीटें एससी समुदाय के लिए आरक्षित है, जबकि 47 सीटें एसटी के लिए आरक्षित है.

अगर राज्य की विधानसभाओं की बात करें तो सभी राज्यों को मिलाकर कुल 607 विधानसभा सीटें एससी के लिए रिजर्व है और 554 सीटें एसटी के लिए आरक्षित है.

ये भी पढ़ें- क्या है SC-ST एक्ट, किस बदलाव को लेकर मचा है इतना बवाल

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×