त्रिपुरा के नतीजों के बाद से एक अलग तरह का उन्माद शुरू हुआ है-'मूर्ति तोड़ ट्रेंड'. नतीजों के महज कुछ घंटे बाद ही साउथ त्रिपुरा में लगी रूसी क्रांति के नायक व्लादिमीर लेनिन की मूर्ति को बुलडोजर से ढहा दिया गया. ऐसी ही घटना राज्य में एक और जगह देखने को मिली. जिन लोगों को 'कल' तक लेनिन का पूरा नाम भी नहीं पता था वो भी उसे क्रूर और अत्याचारी बताने में जुट गए.
सोशल मीडिया पर ये खबर गरमागरम हुई तो तमिलनाडु में पेरियार, कोलकाता में श्यामा प्रसाद मुखर्जी और उत्तर प्रदेश में भीमराव आंबेडकर की मूर्तियों को भी नुकसान पहुंचाया गया. गली-मोहल्ले के कुछ छुटभैया नेता सियासी गुंडे बन गए हैं. जानते हैं बीते कुछ दिनों में ऐसी करतूतों की 10 बड़ी बातें
- रूसी क्रांति के नायक और वामपंथ के सबसे बड़े नेताओं में से एक व्लादिमीर लेनिन की मूर्तियों को त्रिपुरा में वाम मोर्चे की सरकार ने लगवाया था. 5 मार्च को साउथ त्रिपुरा के बेलोनिया में लेनिन की प्रतिमा को बुल्डोजर से गिरा दिया गया. आरोप लगे बीजेपी के उत्साही कार्यकर्ताओं पर. पार्टी के कई नेताओं ने लगे हाथ लेनिन के खिलाफ कई बयान भी दे डाले.
- लगातार दूसरे दिन 6 मार्च को भी त्रिपुरा में लेनिन की एक और मूर्ति को गिराया गया. पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी समेत कई नेताओं ने इस घटना की निंदा की. लेकिन अब ट्रेंड शुरू हो गया.
- 6 मार्च को ही तमिलनाडु के वेल्लुर में पेरियार की मूर्ति को तोड़ दिया गया. जिंदगी भर रूढ़िवादिता को अपने विचारों से तोड़ने वाले सामाजिक कार्यकर्ता पेरियार की मूर्ति को सियासी गुंडों ने हथौड़े से तोड़ डाला.
- तमिल राष्ट्रवादी पेरियार ने ही दक्षिण भारत में द्रविड़ आंदोलन की शुरुआत की थी. साथ ही ब्राह्मणवाद और ऊंची जाति-निची जाति वाली सोच के खिलाफ काम किया था.
- ये 'मूर्तितोड़ ट्रेंड' अब बदले की कार्रवाई बनने लगा है. 7 मार्च को कोलकाता में श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मूर्ति तोड़ डाली गई, मूर्ति के चेहरे पर कालिख पोत दिया गया.
- बीजेपी ने आरोप लगाया कि ये करतूत वाममोर्चा के एक छात्र संगठन का है. बता दें कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी जनसंघ के संस्थापक और हिंदू विचारक हैं.
- पूर्वोत्तर से दक्षिण भारत तक फैला ये ट्रेंड अब उत्तर प्रदेश पहुंच गया है. 7 मार्च को मेरठ में ऐसे ही गुंडों ने बाबा साहब अंबेडकर की मूर्ति तोड़ दी. मामले की जानकारी होते ही स्थानीय प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रण में लिया और नई मूर्ति लगवाई, लेकिन नुकसान तो हुआ ही है. देश की वैचारिक संस्कृति और विविधता का नुकसान.
- उत्तर प्रदेश में ऐसी कई घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं, जब भीमराव आंबेडकर को अराजक तत्वों ने निशाना बनाया है, उनकी मूर्तियां खंडित की है.
- प्रधानमंत्री मोदी ने ऐसी घटनाओं पर चुप्पी तोड़ते हुए कड़े शब्दों में निंदा की है. गृह मंत्रालय ने भी तोड़फोड़ की इन घटनाओं को गंभीरता से लिया है. मंत्रालय ने राज्य सरकारों को इन मामलों में कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.
- गृह मंत्रालय ने कहा है कि ऐसी किसी भी घटना को रोकने की पूरी जिम्मेदारी एसपी और डीएम की है. मंत्रालय ने ऐसी करतूतों में लिप्त सभी लोगों के साथ सख्ती से पेश आने को कहा है.
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