सेना के लिए गोला-बारूद तैयार करने वाली ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों में काम करने वाले कर्मचारियों की एक महीने लंबी हड़ताल मंगलवार से शुरू हो गई है. तीन मजदूर यूनियनों ने 20 अगस्त से 19 सितंबर तक हड़ताल पर जाने का आहवान किया है. इस हड़ताल में देश की 41 ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों में काम कर रहे करीब 1 लाख से ज्यादा कर्मचारी शामिल हैं.
ये कर्मचारी सरकार की ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड के निगमीकरण की कोशिशों का विरोध कर रहे हैं.
कर्मचारियों की हड़ताल पर रक्षा मंत्रालय का बयान
ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के कर्मचारियों की हड़ताल के बीच रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि ऑर्डिनेंस फैक्ट्री को सार्वजनिक क्षेत्र की कॉर्पोरेट इकाई में बदलने से दक्षता में सुधार होगा.
रक्षा मंत्रालय ने साफ किया है कि अगर ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों में पब्लिक सेक्टर का हस्तक्षेप होता है तो इससे फैक्ट्रियों की गुणवत्ता, निर्भरता और युद्ध के समय सेना की स्थिति सुधरेगी.
बयान में कहा गया है कि ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड के निजीकरण का कोई प्रस्ताव नहीं है. जिस प्रस्ताव पर सरकार विचार कर रही है वह इसे रक्षा क्षेत्र का सार्वजनिक उपक्रम (डीपीएसयू) बनाने का है, जो 100 फीसद सरकारी स्वामित्व वाला होगा. मंत्रालय ने बयान में कहा-
“ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड के निजीकरण को लेकर अफवाहें फैलायी जा रही हैं. ये भ्रामक हैं और इनका मकसद कर्मचारियों को गुमराह करना है.”
बता दें, रक्षा मंत्रालय की ओर से गठित विभिन्न समितियों ने ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड के निगमीकरण करने का सुझाव दिया है ताकि वे अपने खुद के निदेशक मंडल के तहत काम कर सकें.
इंडियन ऑर्डिनेंस फैक्ट्रीज बोर्ड के तहत 41 ऑर्डिनेंस फैक्ट्री आती हैं और इनका मुख्यालय ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड के नाम से कोलकाता में है. इसका रक्षा उत्पादन में 200 साल से ज्यादा का अनुभव है.
सरकार का कहना है कि डीपीएसयू और निजी क्षेत्र की मदद से रक्षा उत्पादों का टर्नओवर 5 गुना हुआ. देश में 9 डीपीएसयू हैं. साल 2018-19 में इनका टर्नओवर 45,776 करोड़ रुपये था. निजी क्षेत्र में इनकी हिस्सेदारी 16 हजार करोड़ रुपये की रही. जबकि 2018-19 में ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों का टर्नओर 13920 करोड़ का था.
कर्मचारी यूनियनों की दलील
कर्मचारी यूनियनों का आरोप है कि सरकार निगमीकरण या सार्वजनिक उपक्रम (पीएसयू) के बहाने फैक्ट्रियों का निजीकरण करना चाहती है. यूनियनों ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को लिखी चिट्ठी में कहा है कि निगमीकरण या पीएसयू बनाने से कर्मचारियों का भविष्य बर्बाद हो जाएगा.
ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों में करीब 3.5 लाख कर्मचारी हैं और ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड करीब 217 साल पुराना है.
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