ADVERTISEMENTREMOVE AD

CJI दीपक मिश्रा 18 दिनों में इन दस मामलों में सुनाएंगे फैसला

कई अहम मामलों में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ के फैसले का इंतजार है.

story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा 2 अक्टूबर को रिटायर हो रहे हैं. लेकिन रिटायरमेंट से पहले अपने कार्यकाल के आखिरी महीने में उन्हें कई चर्चित मामलों पर फैसला करना है. सुप्रीम कोर्ट के अगले 18 कामकाजी दिनों में आधार, अयोध्या विवाद मामला, सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर रोक का मामला, अडल्टरी कानून में भेदभाव का मामला और एससी/एसटी के लिए प्रमोशन में रिजर्वेशन समेत कई महत्वपूर्ण मसलों पर फैसले सुनाए जाएंगे.

इन सभी मामलों में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ के फैसले का इंतजार है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

आधार

चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के नेतृत्व वाली संविधान पीठ तय करेगा कि आधार निजता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन करता है या नहीं. 38 दिनों की सुनवाई के बाद संविधान पीठ ने 10 मई को इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था.

पिछले साल आधार मामले की सुनवाई में निजता के अधिकार को मौलिक अधिकार बताया गया. अब इस बारे में फैसला आएगा कि क्या आधार के लिए लिया जाने वाला डेटा निजता का उल्लंघन है या नहीं?
कई अहम मामलों में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ के फैसले का इंतजार है.
राइट टू प्राइवेसी पर SC का फैसला
(फोटो: द क्विंट)
ADVERTISEMENTREMOVE AD

अयोध्या विवाद

रामजन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवाद फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में है. इसी के तहत एक और मामला है कि 1994 में सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले में कहा था कि मस्जिद में नमाज पढ़ना इस्लाम का अभिन्न अंग नहीं है. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में फिर से सुनवाई की है.

20 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर फैसला सुरक्षित रखा है. अब कोर्ट को तय करना है कि इस फैसले के दोबारा परीक्षण के लिए इसे संवैधानिक बेंच के सामने भेजा जाए या नहीं.

कई अहम मामलों में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ के फैसले का इंतजार है.
अयोध्या विवाद ने कई दशकों तक देश की राजनीति को प्रभावित किया
(फोटो: Altered by The Quint)
साथ ही अयोध्या मामले में सवाल यह भी है कि 2010 के इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाले मामले की सुनवाई तीन जजों की बेंच करेगी या पांच जजों वाली संविधान पीठ. मुस्लिम वादियों की ओर से दलील दी गई है कि सुनवाई बड़ी पीठ को करनी चाहिए.
ADVERTISEMENTREMOVE AD

क्या समलैंगिकता गैरकानूनी है?

सुप्रीम कोर्ट फैसला करेगा कि आईपीसी की धारा 377 को गैरकानूनी करार दिया जाए या नहीं. समलैंगिकता को अपराध की कैटगरी से हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने करीब एक हफ्ते की सुनवाई की. 17 जुलाई को सीजेआई दीपक मिश्रा की बेंच ने इस मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया था.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
कई अहम मामलों में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ के फैसले का इंतजार है.
धारा 377 पर सुप्रीम कोर्ट कर रहा है पुनर्विचार
(फोटोः Quint)
ADVERTISEMENTREMOVE AD

सबरीमाला में महिलाओं का प्रवेश

केरल के सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 साल की उम्र की महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी के खिलाफ याचिका पर संविधान पीठ ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. अब संवैधानिक बेंच तय करेगी कि इन महिलाओं को मंदिर के अंदर प्रवेश की अनुमति दी जाए या नहीं?

ADVERTISEMENTREMOVE AD

सुप्रीम कोर्ट सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग

चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट में होने वाले अहम मुद्दों की सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग से पारदर्शिता बढ़ेगी. इस मामले में भी फैसला सुप्रीम कोर्ट के पास सुरक्षित है. अब कोर्ट यह तय करेगा कि कार्यवाही की रिकॉर्डिंग और लाइव स्ट्रीमिंग होनी चाहिए या नहीं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
कई अहम मामलों में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ के फैसले का इंतजार है.
2 अक्टूबर 2018 को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया दीपक मिश्रा रिटायर होंगे
(फोटो: Arnica Kala/The Quint)
ADVERTISEMENTREMOVE AD

दागियों के चुनाव लड़ने पर रोक

सुप्रीम कोर्ट यह तय करेगा कि आपराधिक अपराधों में आरोप लगाए गए राजनेताओं को चुनाव लड़ने की अनुमति दी जानी चाहिए. संविधान पीठ में उस याचिका पर सुनवाई हुई थी, जिसमें मांग की गई है कि गंभीर अपराधों में जिसमें सजा 5 साल से ज्यादा हो और आरोप तय होते हैं तो उसके चुनाव लड़ने पर रोक लगाई जाए.

नेताओं की कोर्ट में प्रैक्टिस पर रोक

क्या एक सांसद या विधायक अपने पद पर रहते हुए अदालत में बतौर वकील प्रैक्टिस कर सकते हैं. इस मामले में सुनवाई पूरी हो चुकी है और सुप्रीम कोर्ट को फैसला करना है.

ये भी पढ़ें- गोगोई होंगे अगले CJI,जानें-कैसे होती है चीफ जस्टिस की नियुक्ति

ADVERTISEMENTREMOVE AD

प्रमोशन में रिजर्वेशन

सरकारी नौकरियों में एससी-एसटी के लिए प्रमोशन में रिजर्वेशन वाले मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी हो चुकी है. 30 अगस्त को इस मामले में सुनवाई पूरी करने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. केंद्र और राज्य सरकारों ने जहां प्रमोशन में रिजर्वेशन की वकालत की है तो वहीं याचिकाकर्ताओं ने इसका विरोध किया है. अब चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के नेतृत्व वाली संविधान पीठ को इस मामले पर अंतिम फैसला सुनाना है.

ये भी पढ़ें- क्या है SC-ST एक्ट, किस बदलाव को लेकर मचा इतना बवाल

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×