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‘सुप्रीम’ विवाद बरकरार, अगले हफ्ते से पहले सुलझने के आसार नहीं

उम्मीद की जा रही थी कि बुधवार सुबह चीफ जस्‍ट‍िस ‘बगावत’ करने वाले चारों जजों से एकसाथ मिलेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हो सका

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सुप्रीम कोर्ट में जजों के बीच कुछ मसलों पर पैदा हुए विवाद का निपटारा बुधवार को भी नहीं हो सका. दरअसल, बीते शुक्रवार को चीफ जस्‍टि‍स दीपक मिश्रा के खिलाफ बगावत करने वाले 4 सीनियर जजों में शामिल जस्‍ट‍िस जे. चेलमेश्वर सेहत ठीक न होने की वजह से अदालत नहीं आए.

इस विवाद के बीच सूत्रों ने बताया कि जस्‍ट‍िस चेलमेश्वर की छोटी-सी मुलाकात जस्‍ट‍िस रंजन गोगोई से उनके आवास पर हुई. बागी न्यायाधीशों में जस्‍ट‍िस गोगोई भी शामिल थे. सूत्रों ने बताया कि उनकी मुलाकात 15 मिनट तक चली.

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सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को क्‍या हुआ?

  • अदालती कार्यवाही शुरू करने से पहले सीजेआई ने चेलमेश्वर को छोड़ बाकी तीन बागी जजों- जस्‍ट‍िस गोगोई, जस्‍ट‍िस एमबी लोकुर और जस्‍ट‍िस कुरियन जोसेफ से सुप्रीम कोर्ट परिसर के एक लाउंज में मुलाकात की.
  • बाद में लंच के दौरान भी चीफ जस्‍ट‍िस ने अन्य जजों के साथ तीनों बागी जजों से मुलाकात की.
  • हालांकि सूत्रों ने बताया कि इस बारे में कुछ खास प्रगति नहीं हुई और गतिरोध कायम है.

चारों बागी न्यायाधीशों में से एक के करीबी सूत्र ने बताया, ‘‘संकट अभी नहीं सुलझा है.'' इस हफ्ते अब सिर्फ दो कार्य दिवस बाकी हैं, ऐसे में सूत्रों ने बताया कि गतिरोध अगले हफ्ते से पहले सुलझने के आसार नहीं हैं, क्योंकि अपने तय कार्यक्रम के अनुसार चार में से एक बागी न्यायाधीश दिल्ली से बाहर रहेंगे.

सूत्रों के मुताबिक, संकट सुलझाने की कोशिशें लगातार जारी हैं. जस्‍ट‍िस यूयू ललित और जस्‍ट‍िस डीवाई चंद्रचूड़ ने भी मंगलवार देर शाम जस्‍ट‍िस चेलमेश्वर से मुलाकात की थी. जस्‍ट‍िस चेलमेश्वर सीजेआई दीपक मिश्रा के बाद सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश हैं.

सूत्रों के मुताबिक, जस्‍ट‍िस चेलमेश्वर बीमार होने की वजह से छुट्टी पर रहे. उन्होंने बताया कि न्यायमूर्ति चेलमेश्वर गुरुवार को अदालत आ सकते हैं.

मंगलवार को हुई थी 'चाय पर चर्चा'

सीजेआई दीपक मिश्रा ने मंगलवार को चारों बागी जजों से 15 मिनट मिलकर मसला सुलझाने की कोशिश की थी. उम्मीद की जा रही थी कि बुधवार सुबह वह चारों जजों से एक साथ मिलेंगे, लेकिन चेलमेश्वर की गैर-मौजूदगी के कारण ऐसा संभव नहीं हो सका.

परंपरा के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के सारे जज हर बुधवार को भोजन पर मिलते हैं और वे बारी-बारी से अपने गृह राज्य के चलन के हिसाब से घर का खाना सभी साथी जजों के लिए लाते हैं.

(इनपुट भाषा से)

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