ADVERTISEMENTREMOVE AD

चारधाम परियोजना को सुप्रीम कोर्ट की हरी झंडी, डबल लेन सड़क बनाने का रास्ता साफ

पर्यावरण के हित के लिए सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज एके सीकरी के नेतृत्व में एक निरीक्षण समिति भी गठित की गई है.

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

मोदी सरकार (Modi Govt) की चारधाम परियोजना को सुप्रीम कोर्ट की ओर से हरी झंडी मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट ने ऑल वेदर राजमार्ग परियोजना में सड़क की चौड़ाई बढ़ाने की इजाजत दे दी है. यानी अब चारधाम सड़क योजना के अंतर्गत मार्गों के चौड़ीकरण का रास्ता साफ हो गया है. इसी के तहत डबल लेन का रास्ता बानाया जाना था.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा? 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अदालत न्यायिक समीक्षा में सेना के सुरक्षा संसाधनों को तय नहीं कर सकती. हाइवे के लिए सड़क की चौड़ाई बढ़ाने में रक्षा मंत्रालय की कोई दुर्भावना नहीं है.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाल के दिनों में सीमाओं पर सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौतियां सामने आई हैं. यह अदालत सशस्त्र बलों की ढांचागत जरूरतों का दूसरा अनुमान नहीं लगा सकती है. पर्यावरण के हित में सभी उपचारात्मक उपाय सुनिश्चित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस एके सीकरी के नेतृत्व में एक निरीक्षण समिति भी गठित की गई है.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘सामरिक महत्व के राजमार्गों के साथ अन्य पहाड़ी इलाकों के समान व्यवहार नहीं किया जा सकता है. वे राष्ट्र की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं.

जस्टिस एके सीकरी के नेतृत्व में गठित की गई निरीक्षण समिति हर 4 महीने में परियोजना की प्रगति पर सुप्रीम कोर्ट को रिपोर्ट करेगी.

बता दें कि चारधाम परियोजना का उद्देश्य यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ को जोड़ना है. एक NGO ने सड़क को 10 मीटर तक चौड़ा यानी डबल लेन बनाने को चुनौती दी थी.

एनजीओ की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कॉलिन गोंजाल्विस ने कहा था, "सेना ने कभी नहीं कहा कि हमें ये चौड़ी सड़कें चाहिए. राजनीतिक सत्ता में किसी उच्च व्यक्ति ने कहा कि हम चार धाम यात्रा पर राजमार्ग चाहते हैं. सेना अनिच्छा से उनके साथ चली गई".

हालांकि अब सुप्रीम कोर्ट ने अपने नए आदेश में सड़क को 10 मीटर तक चौड़ा करने की इजाजत दे दी है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×