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जबरन धर्मांतरण विरोधी कानूनों पर UP-उत्तराखंड को SC का नोटिस

इन कानूनों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई हैं कई याचिकाएं

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सुप्रीम कोर्ट ने 'जबरन या गलत तरीके से धर्मांतरण' के खिलाफ कानूनों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को नोटिस जारी किए हैं. एनडीटीवी के मुताबिक, शीर्ष अदालत इन कानूनों की समीक्षा करेगी.

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बता दें कि यूपी सरकार कुछ दिनों पहले ही ‘उत्तर प्रदेश विधि विरूद्ध धर्म संपविर्तन प्रतिषेध अध्यादेश, 2020’ लेकर आई थी. जिसे राज्यपाल की मंजूरी के बाद नोटिफाई कर दिया गया था. 

इस कानून में शादी के लिए छल, कपट, प्रलोभन देने या बलपूर्वक धर्मांतरण कराए जाने पर अधिकतम 10 साल के कारावास और जुर्माने का प्रावधान किया गया है. उत्तराखंड में धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2018 में भी शादी के लिए जबरन धर्मांतरण के खिलाफ प्रावधान हैं.

सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं में यह दलील देते हुए कि ये कानून संविधान के बुनियादी ढांचे को डिस्टर्ब करते हैं, इन कानूनों की वैधता को चुनौती दी गई है.

इसके साथ ही इन कानूनों को धर्मनिरपेक्षता, समानता और गैर-भेदभाव का उल्लंघन करने वाला बताते हुए इन्हें रद्द करने की मांग की गई है.

एक याचिका में निजता, पुलिस को अत्यधिक संवैधानिक शक्तियां देने के मुद्दे भी उठाए गए हैं.

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