सुप्रीम कोर्ट के जजों ने पहली बार प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा “हमारी बातों पर ध्यान नहीं दिया गया इसलिए मीडिया के सामने आना पड़ा.” जस्टिस जस्ती चेलमेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए.
असाधारण हालात हैं जिसमें प्रेस कॉन्फ्रेस करनी पड़ रही है
सुप्रीम कोर्ट में कई चीजें ठीक नहीं हो रही हैं
हम चारों ने फैसला किया है कि सुप्रीम कोर्ट की सम्मान बनाए रखना जरूरी है
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस से कई अनिमितताओं पर बात हुई थी
हमने चीफ जस्टिस को एक चिट्ठी लिखी थी
न्यायपालिका की निष्ठा पर सवाल उठ रहे हैं
हम चारों में चीफ जस्टिस से मुलाकात कर कई मुद्दों पर बात की थी
हम नहीं चाहते हम पर कोई आरोप लगे
‘चीफ जस्टिस पर देश को फैसला करना है’
जस्टिस जेलमेश्वर ने कहा हम देश के लिए अपना फर्ज अदा कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि न्यायिक अनियमितताओं पर हमने चीफ जस्टिस से बात की थी. लेकिन उस पर कुछ नहीं हुआ. मीडिया के सामने आने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा.
उन्होंने कहा कि हम सिर्फ अपनी तरफ से बात कर रहे हैं किसी और की तरफ से नहीं. मुख्य न्यायाधीश पर फैसला देश को करना है. उन्होंने कहा कि मजबूत लोकतंत्र के लिए स्वतंत्र न्यायपालिका की जरूरत है.
चीफ जस्टिस को भेजा गया था ये पत्र
सात पेज का लेटर
जजों ने चीफ जस्टिस को सात पन्नों का लेटर भेजा था
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