सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार, 16 दिसंबर को एयर क्वालिटी कमीशन (CAQM) से दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की समस्या के स्थायी समाधान के लिए आम जनता और विशेषज्ञों से सुझाव मांगने के लिए कहा है.
चीफ जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने निर्देश दिया कि सुझावों पर आयोग द्वारा गठित विशेषज्ञों को विचार करना चाहिए.
दिल्ली के प्रदूषण को कम करने के उपायों की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस बेंच में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत भी शामिल थे.
उद्योगों को आठ घंटे काम करने की इजाजत- तुषार मेहता
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को बताया कि जिन लोगों ने आवेदन दायर किया था, उनके साथ बातचीत की गई. उन्होंने कहा कि लाइफ सेविंग इक्विपमेंट बनाने वाली कंपनियों को डीजल जेनसेट का उपयोग करने की इजाजत है और डेयरी और चिकित्सा निर्माण को भी इसकी अनुमति है.
उन्होंने कहा कि, जहां तक उद्योगों का सवाल है, उन्हें आठ घंटे के लिए अनुमति दी गई थी, लेकिन उनमें से कुछ को लगातार काम करना पड़ता है. इसलिए हमने इसे सप्ताह में पांच दिन तक सीमित कर दिया है और इसे आगे बढ़ा दिया है."
मेहता ने कहा कि बंद किए गए थर्मल पावर प्लांट अभी भी बंद हैं लेकिन ज्यादा बंद नहीं होंगे जैसा कि बिजली मंत्रालय के साथ चर्चा की गई है. अस्पतालों में निर्माण की अनुमति है और बाकियों के लिए सिर्फ आंतरिक कामों की अनुमति है.
मेहता ने कहा कि हवाई उपकरमों द्वारा लगातार स्थिति का निरीक्षण किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि एनईईआरआई (राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान) के विशेषज्ञों के साथ स्थाई समाधान के लिए एक समिति है.
उद्योगों को खोलने के समय बढ़ाए गए
एनसीआर में दूध और डेयरी युनिट्स को 24×7 संचालन फिर से शुरू करने की अनुमति दी गई है. दवाओं और जीवन रक्षक उपकरणों का निर्माण करने वाले उद्योगों को पूरी तरह से संचालन फिर से शुरू करने की अनुमति दी गई है.
कागज उद्योग सप्ताह में पांच बार काम कर सकते हैं जबकि धान, चावल और कपड़ा उद्योगों को सप्ताह में पांच दिन काम करने की अनुमति दी गई है.
आयोग ने कहा कि जो उद्योग प्राकृतिक गैस पर स्विच करने में फेल होने के कारण बंद कर दिए गए थे वो भी अब दिन में आठ घंटे काम कर सकते हैं.
बिजली मंत्रालय ने कहा कि मौजूदा संयंत्रों को अब बंद नहीं किया जाएगा, इसके बाद मांग को ध्यान में रखते हुए बिजली संयंत्रों को संचालित करने की अनुमति दी गई है.
यहां तक कि दिल्ली के 300 किलोमीटर के दायरे में स्थित छह संयंत्र जो प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए बंद कर दिए गए थे, वे भी 15 दिसंबर के बाद बंद नहीं रह सकते. हलफनामे में कहा गया है कि दिल्ली में स्कूल केवल ऑनलाइन मोड के में काम करना जारी रखेंगे और इसकी समीक्षा 17 दिसंबर को की जाएगी.
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