सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक पार्टियों को आपराधिक बैकग्राउंड वाले उम्मीदवारों को टिकट देने के कारणों पर सख्त आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक दलों को निर्देश दिया है कि वे अपनी वेबसाइट पर आपराधिक गतिविधियों में शामिल पाए गए उम्मीदवारों के चुने जाने के कारणों को अपलोड करें. साथ ही कोर्ट ने कहा है कि अगर वो ऐसा नहीं करते हैं तो ये कोर्ट की अवमानना माना जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक पार्टियों को निर्देश दिए हैं कि वो अपने उम्मीदवारों की जानकारियों, उपल्ब्धियों और आपराधिक बैकग्राउंड से जुड़ी जानकारियों को अखबारों, सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म और अपनी वेबसाइट पर शेयर करें. साथ वो आपराधिक बैकग्राउंड वाले उम्मीदवारों को चुने जाने का कारण भी साझा करें.
आदेश नहीं मानने पर अवमानना माना जाएगा
साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि राजनीतिक पार्टियां अगर इस आदेश को नहीं मानतीं हैं तो इसे कोर्ट की अवमानना माना जाएगा. कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा कि अगर राजनीतिक दल ऐसा नहीं करते हैं तो वो सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दायर करें.
दिल्ली चुनाव में AAP ने उतारे थे सबसे ज्यादा आपराधिक उम्मीदवार
दिल्ली चुनाव से कुछ दिन पहले ही एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने अपनी रिपोर्ट जारी की थी. इस रिपोर्ट में चुनाव में शामिल उम्मीदवारों के क्रिमिनल बैकग्राउंड और शिक्षा समेत कई पहलुओं की जानकारी दी गई थी. इस रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि इस बार के दिल्ली चुनाव में सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (AAP) के सबसे ज्यादा उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं.
ADR की रिपोर्ट के मुताबिक, AAP के 70 में से 42 उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. इसका मतलब कि दिल्ली चुनाव लड़ रहे AAP के कुल उम्मीदवारों में से 60% पर आपराधिक मामले चल रहे हैं.
वहीं, बीजेपी के 67 में से 26 उम्मीदवारों और कांग्रेस के 66 में से 18 उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं.
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