Delhi Power Tussle पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला
- संविधान का पालन होना चाहिए
- संविधान का पालन सबकी जिम्मेदारी
- प्रशासनिक फैसले सामूहिक ड्यूटी
- संविधान के मुताबिक फैसले लिए जाएं
- केंद्र-राज्यों के रिश्ते सौहार्दपूर्ण हों
- उपराज्यपाल के पास स्वतंत्र अधिकार नहीं
- उपराज्यपाल कैबिनेट की सलाह से काम करें
- दिल्ली की स्थिति बाकी राज्यों से अलग
- दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं दिया जा सकता
- सरकार जनता के लिए उपलब्ध होनी चाहिए
- अराजकता की कोई जगह नहीं, सब अपनी जिम्मेदारी निभाएं
- रोजमर्रा के कामकाज में दखल देना सही नहीं
- दिल्ली में जमीन और कानून व्यवस्था के मामले में केंद्र को पूरे अधिकार हैं
- दूसरे मामलों में दिल्ली सरकार को काम करने और कानून बनाने का अधिकार
- दिल्ली सरकार को काम करने दिया जाना चाहिए
- उपराज्यपाल मनमाने तरीके से दिल्ली सरकार के फैसलों को रोक नहीं सकते
- दिल्ली सरकार को संविधान के तहत काम करने की पूरी स्वतंत्रता मिलनी चाहिए
पुडुचेरी के सीेएम चाहते हैं उनके राज्य में भी SC का फैसला लागू हो
उधर पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने मांग की कि ये फैसला उनके राज्य में भी लागू होना चाहिए. सामी का उपराज्यपाल किरण बेदी के साथ विवाद चल रहा है.
सामी ने मांग की दिल्ली की तरह पुडुचेरी में भी निर्वाचित सरकार है, इसीलिए ये फैसला उनके राज्य में भी लागू होना चाहिए.
नारायणसामी ने चेतावनी दी है कि अगर पुडुचेरी की उपराज्यपाल ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पालन नहीं किया तो वो सुप्रीम कोर्ट में उनके खिलाफ अवमानना की अर्जी दायर करेंगे.
एक्शन में केजरीवाल
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से उत्साहित दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली कैबिनेट की बैठक बुलाई और अटके पड़े फैसलों पर फटाफट अमल का आदेश दे दिया है. मुख्यमंत्री को दिल्ली सरकार का असली बॉस करार देने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पहली कैबिनेट बैठक में केजरीवाल ने कहा लोगों का न्यायपालिका पर भरोसा बहाल हो गया है.
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अब फटाफट घर तक राशन की डिलिवरी और सीसीटीवी फैसले पर अमल की कार्रवाई शुरू हो जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर केंद्र ने दिल्ली सरकार से अधिकार नहीं छीने होते तो 3 साल खराब नहीं होते.
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली 5 जजों की सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने फैसला दिया है कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देना मुमकिन नहीं है. लेकिन चुनी हुई सरकार को जमीन, पुलिस और कानून व्यवस्था के अलावा सभी मामलों पर फैसले का अधिकार है.
चीफ जस्टिस ने कहा कि उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री को मिलकर काम करना चाहिए. बेंच ने कहा कि उपराज्यपाल के पास स्वतंत्र अधिकार नहीं हैं और उसे दिल्ली कैबिनेट की सलाह माननी होगी.
SC के फैसले के बाद केजरीवाल ने 4 बजे बुलाई कैबिनेट बैठक
सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार शाम चार बजे कैबिनेट की मीटिंग बुलाई है. इस मीटिंग में रुके हुई अहम परियोजनाओं पर चर्चा होगी.
सरकार और उपराज्यपाल के बीच समन्वय जरूरीः शीला दीक्षित
दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने कहा, ‘जो सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वो बिल्कुल साफ है. अगर दिल्ली सरकार और एलजी साथ काम नहीं करेंगे तो समस्याएं आएंगी. कांग्रेस ने 15 सालों तक काम किया लेकिन कोई समस्या नहीं आई.’