गुजरात के सूरत में शुक्रवार को बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर सड़कों पर आ गए. मजदूर अपना बकाया पैसा चुकाए जाने और घर जाने की अनुमति मांग रहे थे. बता दें लॉकडॉउन के चलते बड़ी संख्या में यह मजदूर फंस गए हैं.
स्थानीय रिपोर्टर्स के मुताबिक कुछ सब्जी के रेहड़ियों को आग भी लगाई गई है. स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज का सहारा लेना पड़ा.
डीसीपी राकेश बारोत ने बताया, ''घटना शाम को सात से साढ़े सात बजे के बीच हुई. जब पुलिस आई तो भीड़ से कुछ लोगों ने पत्थर चलाने शुरू कर दिए. उनकी प्राथमिक मांग अपने घरों को लौटने देने की थी. स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए पुलिस ने 60 से 70 लोगों को हिरासत में लिया है.''
सूरत के विधायक हर्ष सांघवी ने ट्विटर पर कहा, ''सूरत में पांच लाख जरूरतमंदों को रोज खाना दिया जा रहा है. आज की स्थितियों में उनकी मांग मानना संभव नहीं है. सूरत में हर नागरिक को खाना दिया जाएगा.''
सूरत में 30 मार्च को भी ऐसी ही स्थिति बन गई थी, तब 500 प्रवासी मजदूर सड़कों पर आ गए थे और घर पहुंचाने के लिए साधन उपलब्ध कराए जाने की मांग कर रहे थे.
जब पुलिस उन्हें समझाने की कोशिश कर रही थी, तभी कुछ लोगों ने सुरक्षाबलों पर पत्थर चलाने शुरू कर दिए थे. उस दौरान भी 92 मजदूरों को हिरासत में लिया गया था.
बता दें पूरे भारत में 21 दिन क लॉकडॉउन है, जिसके आगे बढ़ाए जाने की भी संभावना जताई जा रही है. शनिवार को प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों से चर्चा के बाद पीएम इस बारे में फैसला ले सकते हैं.
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