सुशांत सिंह राजपूत सुसाइड केस में मीडिया, फिल्म इंडस्ट्री, पॉलिटिशियंस सब एक्टिव हैं. इसलिए मामले में एक के बाद एक नई चीजें सामने आ रही हैं. अब केस की जांच में जुटी बिहार पुलिस की टीम को आईपीएस विनय तिवारी का साथ मिलेगा. आईपीएस ऑफिसर विनय तिवारी मुंबई पहुंच चुके हैं. मुंबई पहुंचते ही उन्होंने बताया कि वो टीम की सुपरविजन के लिए पहुंचे हैं और सभी सबूत और दस्तावेज हासिल करने की कोशिश होगी.
पिछले एक सप्ताह से हमारी टीम यहां काम कर रही है. जांच की अपनी प्रक्रिया होती है जिसमें अगला क्रम सुपरविजन है. उसी के लिए मुझे भेजा गया है। ताकि मैं टीम के साथ मीटिंग करूं और आगे की दिशा तय करें. केस में जितने भी महत्वपूर्ण तथ्य हैं, दस्तावेज हैं, सुराग हैं, वही पाने के लिए हम यहां आए हैं. हम पूरी कोशिश करेंगे कि हमारे केस से संबंधित सभी दस्तावेज हमें मिलें :विनय तिवारी, पुलिस अधीक्षक, एसपी सेंट्रल
यूपी के ललितपुर निवासी हैं विनय तिवारी
यूपी के ललितपुर निवासी और 2015 बैच के आईपीएस अधिकारी विनय तिवारी को बहुमुखी प्रतिभा का धनी माना जाता है. साल 2019 में उनको पटना सेंट्रल का नया सिटी एसपी बनाया गया था. इससे पहले वह गोपालगंज में सदर एसडीपीओ पद पर तैनात थे. हाल ही में विनय तिवारी एक अलग कारण से सुर्खियों मे आए थे. कोरोना महामारी के बीच विनय तिवारी ने एक शानदार कविता लिखी. यह कविता उनके आधिकारिक ट्वीटर हैंडल पर एक वीडियो के माध्यम से आज भी मौजूद है.
अपनी कविता को वीडियो के माध्यम से साझा करते हुए विनय तिवारी ने लिखा, " भीषण महामारी से हम सभी व्यथित है. उसी महामारी की त्रासदी और उस पर विजय पाने की एक कल्पना इस काव्य के माध्यम से की है. आप सभी को शायद इस काव्य से महामारी से लडने के लिए कुछ शक्ति मिले और मुझे आपका आशीर्वाद और प्यार मिले."
यही नहीं, तिवारी गणित के जानकार हैं और मैथेमैटिक्स एंड प्रींसिपल आफ लाइफ नाम की एक पुस्तक भी लिख रहे हैं.
पहले आईआईटी फिर यूपीएसपी
गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाले विनय तिवारी को अपने पिता का सपना सच करने के लिए प्रशासनिक सेवा में आए. इससे पहले वह, बनारस हिन्दु युनिवर्सिटी (बीएचयू) से आईआईटी में ग्रेजुएट हुए. जब उन्होंने आईआईटी, बीएचयू से इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू की थी तो नौकरी करना चाहते थे, लेकिन पिता ने उन्हें प्रेरित किया. आईआईटी की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्हें अच्छी नौकरी मिल रही थी लेकिन पिता ने यूपीएससी के लिए प्रेरित किया.
विनय अपने पिता का ख्वाब पूरा करने चाहते थे, इसलिए तैयारी करने के लिए दिल्ली चले गए. दिल्ली में रहकर ही यूपीएससी की परीक्षा दी, लेकिन पहले प्रयास में असफल रहे. पहले प्रयास में जब उनका चयन नहीं हुआ तो भी पिता ने उनका हिम्मत बांधी. पिता ने कहा कि बड़ी परीक्षा में पहले प्रयास में ही सफलता नहीं मिलती.
अब दोबारा उन्होंने परीक्षा दी और इस बार सफल रहे विनय तिवारी आज भी यूपीएससी की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को अपने ब्लॉग-ड्रीमस्ट्रगलबीपॉजिटिव के जरिये टिप्स देते हैं.
(इनपुट: IANS)
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