विदेश मंत्री सुषमा स्वराज शनिवार को संयुक्त राष्ट्र में जमकर गरजीं. उन्होंने UNGA के 73वें सत्र को हिंदी में संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान पर जमकर हमला बोला. विदेश मंत्री ने कहा कि भारत अपने पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में पनपने वाले आतंकवाद से पीड़ित है.
स्वराज ने कहा कि पाकिस्तान ऐसा पड़ोसी मुल्क है जो आतंकवादी घटना को अंजाम देने के साथ-साथ उन्हें नकारने में भी माहिर है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान आतंकियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह है, यही वजह है कि मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड अब तक खुला घूम रहा है.
संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान पर क्या बोलीं सुषमा स्वराज?
संयुक्त राष्ट्र विश्व का सबसे बड़ा बहुपक्षीय मंच है, जहां दुनिया के सुख-दुख साझे किए जाते हैं और विश्व को बेहतर बनाने के लिए लक्ष्य निर्धारित किए जाते हैं.
उन्होंने कहा कि बीसवीं शताब्दी के बाद ये उम्मीद की जा रही थी कि 21वीं सदी में शांति और समृद्धि का युग प्रारंभ होगा, लेकिन 9/11 की न्यूयॉर्क की घटना औऱ 26/11 की मुंबई की घटना ने इन उम्मीदों पर पानी फेर दिया. आज आतंकवाद का राक्षस कहीं धीमी गति से तो कहीं तेज गति से विश्व के हर देश तक जा पहुंचा है.
- भारत कई दशकों से आतंकवाद का दंश झेल रहा है, हमारा दुर्भाग्य है कि हमारे यहां आतंकवाद की चुनौती कहीं दूर देश से नहीं बल्कि सीमा पार से पड़ोसी मुल्क से आती है
- वो देश केवल आतंकवाद फैलाने में ही माहिर नहीं है, बल्कि अपने किए हुए को नकारने में भी माहिर है
- इसकी सबसे बड़ी मिसाल है ओसामा बिन लादेन का पाकिस्तान में पाया जाना.
- अमेरिका के इतिहास में 11 सितंबर 2001 की घटना सबसे बड़ी आतंकवादी घटना के रूप में देखी जाती है. इसीलिए उस घटना के मास्टरमाइंड ओसामा बिन लादेन को अमेरिका अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानता था और उसे पूरी दुनिया में खोज रहा था. लेकिन उसे नहीं मालूम था कि खुद को अमेरिका का बहुत बड़ा दोस्त बताने वाले पाकिस्तान ने ही उसे अपने यहां छिपा रखा था.
- ये अमेरिका के खुफिया तंत्र की सफलता है कि उन्होंने ओसामा को वहां खोज निकाला, और ये अमेरिकी सेना की उपलब्धि है कि उन्होंने उसे पाकिस्तान में जाकर मार गिराया. लेकिन पाकिस्तान सारा सच सामने आने के बाद भी अनजान बना रहा
- 26/11 के मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद आज भी पाकिस्तान में खुलेआम घूम रहा है
- दुनिया के देशों ने अब पाकिस्तान का असली चेहरा पहचान लिया है
‘पाकिस्तान की हरकतों की वजह से बातचीत संभव नहीं’
सुषमा स्वराज ने कहा, ‘हम पर आरोप लगता है कि हम पाकिस्तान के साथ बातचीत के लिए तैयार नहीं होते. ये आरोप पूरी तरह झूठा है. हमारा मानना है कि दुनिया के जटिल से जटिल मुद्दे केवल बातचीत से ही सुलझाए जा सकते हैं और सुलझाए जाने चाहिए. इसीलिए पाकिस्तान के साथ कई बार बातचीत शुरू की गई. बातचीत के कई दौर चले, लेकिन हर बार पाकिस्तान की हरकतों की वजह से ही बातचीत रुकी है. भारत में कई राजनीतिक दलों की सरकारें केंद्र में बनी हैं. हर सरकार ने ये कोशिश की कि बातचीत के द्वारा विवाद सुलझ जाएं.
पीएम मोदी ने तो अपने शपथ ग्रहण समारोह के पहले ही सार्क के सभी नेताओं को बुलाकर सरकार बनने से पहले ही ये शुरूआत की दी थी. दिसंबर 2016 को खुद मैंने भी इस्लामाबाद जाकर द्विपक्षीय वार्ता की शुरुआत की, लेकिन मात्र तीन हफ्ते बाद 2 जनवरी की रात पठानकोट एयरबेस पर हमला कर दिया गया. इस माहौल में बातचीत कैसे बढ़ सकती है. अभी भी पाकिस्तान में नई सरकार आने के बाद वहां के पीएम इमरान खान ने पीएम मोदी को खत लिखकर ये इच्छा जताई कि न्यूयॉर्क में अगर दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की मुलाकात हो जाए तो अच्छा होगा. हमने उनका प्रस्ताव मंजूर कर लिया. लेकिन कुछ ही घंटों बाद ये खबर आई कि जम्मू-कश्मीर पुलिस के तीन जवानों का पहले अपहरण किया गया और बाद में उन्हें मारकर फेंक दिया गया. क्या पाकिस्तान की ये हरकतें बातचीत की नीयत दिखाती हैं? क्या ऐसे माहौल में मुलाकात हो सकती है?'
भारत सरकार की उपलब्धियों को किया साझा?
विदेश मंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र विश्व का सबसे बड़ा वहुपक्षीय मंच है, जहां अविकसित और कम विकसित देशों की सहायता के लिए योजनाएं बनाई जाती हैं. उन्होंने कहा, 'साल 2015 में हमने साल 2030 का एजेंडा निर्धारित करते हुए टिकाऊ विकास के लक्ष्यों की रचना की थी. उसी समय से ये कहा जा रहा है कि अगर भारत इन लक्ष्यों को हासिल कर लेगा, तभी हम सफल हो पाएंगे, वरना हम फेल हो जाएंगे. मैं इस मंच से विश्वास दिलाना चाहती हूं कि भारत आपको कभी फेल नहीं होने देगा.'
उन्होंने कहा साल 2030 के लिए एजेंडा और टिकाऊ विकास के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए भारत प्रतिबद्ध है. पीएम मोदी की अगुवाई में भारत सरकार ने इन लक्ष्यों को हासिल करने का काम शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा कि भारत तय समय से पहले ही इन लक्ष्यों को हासिल कर लेगा.
- विश्व के सबसे बड़े आर्थिक समावेश की योजना भारत में चलाई जा रही है, जिसका नाम है जनधन योजना.
- जनधन योजना के अंतर्गत 32 करोड़ 61 लाख ऐसे लोगों के खाते खोले गए हैं, जिन्होंने पहले कभी बैंक का दरवाजा भी नहीं देखा था
- डायरेक्ट बेनिफिट स्कीम के तहत सरकार द्वारा दी जाने वाली राशि इन खातों में सीधे भेजी जा रही है, जिससे गरीब को पूरा पैसा मिलने लगा है और बीच का भ्रष्टाचार खत्म हो गया है
- भारत में विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना चलाई गई है, जिसका नाम आयुष्मान भारत योजना है.
- आयुष्मान योजना के अंतर्गत 50 करोड़ लोगों को हर साल पांच लाख रुपये तक की राशि उनकी बीमारी के इलाज के लिए दी जाएगी
- प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत साल 2022 तक 2 करोड़ 95 लाख आवास शहरी और ग्रामीण इलाकों में बनाए जाएंगे
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