ताजमहल को उत्तर प्रदेश सरकार की पर्यटन सूची से भले ही हटा दिया गया हो, लेकिन फिल्मकारों के लिए किसी फिल्म की शूटिंग के लिए आगरा का ये स्मारक प्रदेश का सबसे खास है.
राज्य फिल्म प्रमोशन संस्था फिल्म बंधु के चेयरमैन अवनीश अवस्थी के मुताबिक, फिल्म की शूटिंग के लिए मुगल शासक शाहजहां के प्यार की निशानी और अयोध्या का परिसर प्रदेश में सबसे खास दो जगहें हैं.
हमारे प्रदेश में सब कुछ है. हमारे पास ताजमहल है, हमारे पास लखनऊ का इतिहास है, इसके अलावा गंगा, बनारस, अयोध्या है और कुंभ आने वाला है.अवनीश अवस्थी, चेयरमैन, राज्य फिल्म प्रमोशन संस्था
गोवा में सोमवार से शुरू हुए अंतरराष्ट्रीय भारतीय फिल्म महोत्सव में अवस्थी ने कहा, "हम चाहते हैं कि हमारे इलाके में हर कोई आए. हमारे पास बौद्ध सर्किट है, हमारे पास कुंभ और राम सर्किट भी है.
बता दें, फिल्म बंधु की वेबसाइट के बैकग्राउंड में ताजमहल की छवि लगी हुई है.
अवनीश अवस्थी की यह टिप्पणी उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग की ओर से पर्यटन सूची में शानदार ताजमहल को तरजीह नहीं दिए जाने के कुछ हफ्ते बाद आई है.
पर्यटन सूची में शानदार ताजमहल को तरजीह नहीं दिए जाने के बाद बहस शुरू हुई थी, बीजेपी और हिंदूवादी दक्षिणपंथी नेताओं ने स्मारक को मूल रूप से हिंदू मंदिर 'तेजो महालय' बताया, जो भगवान शिव को समर्पित था.
बेवसाइट 'फिल्म बंधु' इफ्फी के सहयोगी प्रायोजकों में से एक है. ये इफ्फी समारोह में पहुंचे फिल्म निर्माताओं को उत्तर प्रदेश को शूटिंग के लिए मुफीद जगह के तौर पर पेश कर रहा है.
योगी के भाषण से हुई थी विवाद की शुरुआत
ताजमहल विवाद की शुरुआत यूपी सीएम योगी के एक भाषण की वजह से हुई थी. 15 जून 2017 मुख्यमंत्री योगी ने दरभंगा में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था- '
‘जब पहले विदेश से कोई राष्ट्राध्यक्ष भारत आता था, तो हम उसे गिफ्ट में आगरा के ताजमहल की रेप्लिका देते थे या कोई ऐसी मीनार होती थी, जिसके साथ यहां की संस्कृति मेल नहीं खाती है. पहली बार ऐसा हुआ है जब पीएम नरेंद्र मोदी जब विदेश जाते हैं या कोई राष्ट्राध्यक्ष जब भारत आता है, तो उसे भगवत गीता और रामायण भेंट में देते हैं.’
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