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‘टिक टॉक’ को बैन करना चाहती है तमिलनाडु सरकार, जानिए क्या है वजह

तमिलनाडु सरकार जल्द ही केंद्र सरकार को वीडियो शेयरिंग ऐप ‘टिक टॉक’ को बैन का सुझाव देने वाली है.

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तमिलनाडु सरकार जल्द ही केंद्र सरकार को वीडियो शेयरिंग ऐप ‘टिक टॉक’ को बैन करने का सुझाव देने वाली है. तमिलनाडु के आईटी मिनिस्टर मणिकंदन ने मंगलवार को इस बात की जानकारी दी.

इससे पहले तमिलनाडु विधानसभा में नागापट्टनम विधायक थमीमुन अंसारी ने सरकार से टिक टॉक ऐप को बैन करने की मांग की थी.

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टिक टॉक को लेकर ये बोले तमिलनाडु के विधायक

विधायक थमीमुन अंसारी ने मंगलवार को कहा कि टिक टॉक पर बहुत से लोग अश्लील गतिविधि चला रहे हैं, ऐसे में तमिलनाडु में इस ऐप को बैन कर देना चाहिए. अंसारी के बयान पर मणिकंदन ने कहा कि तमिलनाडु सरकार बैन करने का सुझाव केंद्र सरकार को देगी. इस दौरान उन्होंने 'ब्लू व्हेल' गेम के खिलाफ केंद्र सरकार की कार्रवाई का भी जिक्र किया.

बता दें कि साल 2017 में केंद्र सरकार ने 'ब्लू व्हेल' गेम को लेकर उठ रही चिंताओं के बाद इस गेम को बैन करने की बात कही थी. हालांकि उसकी बाद भी इस गेम के खेले जाने की खबरें सामने आती रही थीं. इसकी वजह ये बताई गई कि यह कोई ऐप नहीं था, बल्कि इसके लिंक कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आसानी से उपलब्ध हो सकते हैं.

थमीमुन अंसारी ने ‘द न्यूज मिनट’ को बताया, ‘’स्कूलों और कॉलेजों के बहुत से स्टूडेंट इसका (टिक टॉक) इस्तेमाल कर रहे हैं. वे और उनके परिवार इससे प्रभावित हो रहे हैं. यह उनको एक दूसरे अलग कर रही है.’’

इससे पहले पीएमके के संस्थापक एस रामदास ने भी इस ऐप को बैन करने की मांग की थी.

क्या है टिक टॉक ऐप?

चीनी ऐप 'टिक टॉक' एशिया में तेजी से लोकप्रिय हुआ है. इस ऐप के यूजर लिप-सिंक्ड वीडियो से लेकर म्यूजिक वीडियो तक अपलोड कर सकते हैं. इसके अलावा यूजर्स को इस ऐप पर वीडियो को बेहतर बनाने के लिए बहुत से फिल्टर और एडिटिंग फीचर भी मिलते हैं. तमिलनाडु में इस ऐप पर अलग-अलग पार्टियों के नेताओं का जमकर मजाक उड़ाया जाता है.

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