ADVERTISEMENTREMOVE AD

तेलंगाना की राज्यपाल ने पद से इस्तीफा, तमिलिसाई सौंदर्यराजन लड़ेंगी लोकसभा चुनाव?

Tamilisai Soundararajan ने 18 मार्च को तेलंगाना के राज्यपाल और पुडुचेरी के उपराज्यपाल पद से अपना इस्तीफा दे दिया है.

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

तमिलिसाई सौंदर्यराजन (Tamilisai Soundararajan) ने सोमवार, 18 मार्च को तेलंगाना (Telangana) के राज्यपाल और पुडुचेरी के उपराज्यपाल पद से अपना इस्तीफा दे दिया है. हालांकि अचानक लिए उनके फैसले से यह कयास लगाए जा रहे हैं कि तमिलिसाई सक्रिय राजनीति में फिर से लौट सकती हैं. 62 साल की तमिलिसाई के लोकसभा चुनाव लड़ने की अटकलें लगाई जा रही हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

तेलंगाना राजभवन की एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, “तेलंगाना के माननीय राज्यपाल और पुंडुचेरी के उपराज्यपाल श्रीमती. डॉ. तमिलिसाई सौंदर्यराजन ने तत्काल प्रभाव से अपना इस्तीफा दे दिया है. इस्तीफा भारत के माननीय राष्ट्रपति को सौंप दिया गया है.”

दो दशक से ज्यादा समय तक दक्षिण में बीजेपी का प्रतिनिधित्व किया

पेशे से चिकित्सक तमिलिसाई सौंदर्यराजन साल 2019 तक बीजेपी (BJP) प्रमुख रही थीं. इसके बाद उन्हें तेलंगाना का राज्यपाल बनाया गया था.उस वक्त किरण बेदी को हटाए जाने के बाद तमिलिसाई सौंदर्यराजन पुडुचेरी के उपराज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार पद संभाल रही थीं .

राज्यपाल बनने से पहले इन्होंने दो दशक से भी ज्यादा समय तक तमिलनाडु में बीजेपी का प्रतिनिधित्व किया है.

  • 1999 में दक्षिण चेन्नई जिला मेडिकल विंग की सचिव

  • 2001 में राज्य मेडिकल विंग की महासचिव

  • 2005 में अखिल भारतीय सह-संयोजक (दक्षिणी राज्यों के लिए मेडिकल विंग)

  • 2007 में राज्य महासचिव

  • 2010 में राज्य उपाध्यक्ष

  • 2013 में उन्हें राष्ट्रीय सचिव के पद पर प्रमोट किया गया

परिवार का कांग्रेस से रहा है नाता 

तमिलिसाई तमिलनाडु के राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखती हैं. उनके पिता कुमारी आनंथन पूर्व कांग्रेस समिति के अध्यक्ष रहे हैं. पिता के अलावा उनके चाचा एच वसंतकुमार भी कांग्रेस पार्टी में थे. तमिलिसाई ने एक स्त्री रोग विशेषज्ञ के रूप में अपने कैरियर शुरू किया था. फिर इनका राजनीतिक सफर तब से शुरू हुआ जब वह मद्रास मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई के दौरान एक छात्र नेता बनीं.

लड़ सकती हैं लोकसभा चुनाव  

तमिलिसाई के इस्तीफे के बाद यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि वह आगामी लोकसभा में चुनाव लड़ सकती हैं. इन्होंने पहले भी विधानसभा और संसदीय चुनाव में अपनी किस्मत आजमाई है लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली. नागर समुदाय से आने वालीं तमिलिसाई सुंदरराजन को 2019 के लोकसभा चुनाव में भी थूथुकुडी से टिकट दिया गया था लेकिन यहां भी उन्हें डीएमके की कनिमोझी से भारी अंतर से हार का सामना करना पड़ा. संभावना है कि बीजेपी 2024 लोकसभा की सूची में तमिलिसाई का नाम फिर से शामिल कर सकती है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×